लखनऊ। झांसी के पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव अपने समर्थकों की भारी भीड़ के साथ झांसी के करगुआ गांव पहुंचे और एनकाउंटर में मारे गए पुष्पेंद्र यादव के परिजनों से मुलाकात की। अखिलेश ने पुष्पेंद्र के परिवार से वादा किया कि समाजवादी पार्टी उनके साथ खड़ी है।
जहां पुलिस कह रही थी कि शख्स ने पहले एक अधिकारी पर गोली चलाई, वहीं उसके परिवारवालों ने दावा किया है कि रिश्वत देने के लिए मना करने पर उसे मार दिया गया। घटना के बाद इस मामले को लेकर इलाके में विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है। पुलिस का दावा है कि पुष्पेंद्र यादव बालू खनन का बिजनेस करता था और रविवार को पुलिस इंस्पेक्टर पर गोली चलाने के बाद एक पुलिस टीम द्वारा उसे गोली मार दिया गया, जिसने कुछ दिन पहले रेत खनन के लिए इस्तेमाल किए गए ट्रक को जब्त कर लिया था।
पुलिस पर गोलीबारी करने के बाद शख्स फरार हो गया था लेकिन कुछ ही घंटे बाद उसकी कार को रोक लिया गया। पुलिस का दावा है कि उसने सरेंडर करने से इनकार कर दिया और फिर से फायरिंग की कोशिश की, इसी वजह से उसे गोली मार दी गई। हालांकि उसके परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि इलाके के पुलिस इंचार्ज धर्मेंद्र चौहान ने जब्त ट्रक के बदले ढेड़ लाख रुपए रिश्वत की मांग की थी। परिवार के लोगों का कहना है कि खुलासा करने की धमकी देने पर उसने पुष्पेंद्र यादव की हत्या कर दी।
पुष्पेंद्र यादव की पत्नी ने कहा कि उन्होंने (पुष्पेंद्र यादव) पहले कुछ पैसे दिए थे, लेकिन इंस्पेक्टर और पैसे की मांग कर रहे थे। पुलिस ने इसलिए गोली मार दी, क्योंकि उन्होंने पैसे देने से इनकार कर दिया था। मुझे न्याय चाहिए। पुलिस ने सोमवार को उनके परिवार के सदस्यों के विरोध प्रदर्शन के बीच पुष्पेंद्र यादव के शव का अंतिम संस्कार कर दिया, जिन्होंने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था और मांग की थी कि एनकाउंटर में शामिल लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए।