Top NewsUttar Pradesh

सीएम योगी की कार्यशैली को अपना रहे मंत्री व सांसद

लखनऊ। साल 2018 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के लिए निर्देश जारी किये थे। सत्ता में आते ही उन्होनें लोक निर्माण विभाग को प्रदेश कि सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने का निर्देश दिया। योगी ने दावा किया था की साल 2018 के अक्टूबर माह तक प्रदेश की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त बना देंगे मगर उनका यह दावा हवा हवाई निकला। आज एक साल हो जाने के बाद भी प्रदेश की सड़कें जैसी की तैसी पड़ी हुई हैं। मानसून में सड़कें डराने लगी हैं और हादसों को दावत दे रही हैं। एक साल बीत जाने के बाद ऐसा लगता है कि योगी आदित्यनाथ के विकास का एजेंडा कई जगहों पर अभी तक नहीं पहुँच पाया है। लोक निर्माण विभाग का मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के फैसले पर मानना था कि सरकार इस मसले पर लक्ष्य हासिल करने से चूक सकती है। लोक निर्माण विभाग की माने तो सूबे की सभी 1 लाख 21 हजार 816 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत का काम तय समयसीमा में संभव नहीं था।

24 जून 2018 को योगी सरकार के 100 दिन पूरे हुए थे, वहीँ 100 दिनों के कामकाज का रिपोर्टकार्ड भी तैयार होने लगा था। इस अवसर पर सीएम योगी ने लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार के कामकाजों का ब्यौरा देने की बात कही थी। एक रिपोर्ट के अनुसार लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को 7 जून 2018 तक 85 हजार 942 किमी सड़क को गड्ढा मुक्त करने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन 13 जून 2018 को जारी डाटा में डिपार्टमेंट का लक्ष्य घटाकर 85 हजार 160 किमी कर दिया गया। 12 जून 2018 तक 66039.14 किमी का लक्ष्य ही प्राप्त किया गया। इस तरह पीडब्ल्यूडी ने 77.55 प्रतिशत लक्ष्य पूरा किया।

बता दें कि यूपी सरकार ने जितनी सड़कें गड्ढा मुक्त करने का लक्ष्य पीडब्ल्यूडी को दिया था, असल में वो उसी के अधिकार में था। उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य के पास ये विभाग तो है लेकिन उस वक़्त गड्ढा भरने के लिए बजट न होने कि बात कही थी। गौरतलब हो कि नवभारत टाइम्स’ को दिए एक इंटरव्यूह में उपमुख्यमंत्री और लोक निर्माण मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने 80-85 प्रतिशत सड़कों के गड्ढामुक्त हो चुकने कि बात कही थी।

सड़कों पर साइन बोर्ड लगाने के दिए थे निर्देश

सीएम योगी ने सम्बन्धित विभागों की सड़कों पर उनका साइन बोर्ड लगाए जाने के निर्देश दिए थे। सड़कों को गड्ढामुक्त करने तथा निर्माण कार्य में लगे ठेकेदारों को सड़कों की मरम्मत तथा निर्माण के बाद पांच वर्ष तक उसकी देखरेख की जिम्मेदारी भी शर्तों में शामिल करने कि बात कही थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मूर्ति विसर्जन तथा दीपावली जैसे त्योहारों के मद्देनजर सड़कों की मरम्मत कर उन्हें शीघ्रता के साथ यातायात के अनुकूल बनाया जाए, ताकि लोगों को असुविधा न हो और वे अच्छी तरह से त्योहार मना सकें।

रंग लाई मेनका की पहल, सड़कों के निर्माण के लिए पहली किस्त जारी

सुल्तानपुर जिले कि पहली महिला सांसद मेनका गाँधी अब सीएम योगी आदित्यनाथ के नक़्शे कदम पर चलती नज़र आरही हैं और उनके द्वारा दिखाए गए रास्तों पर अग्रसर हैं। जिले की पहली महिला सांसद के तौर पर कुर्सी सँभालने और सत्ता में आने के बाद सबसे पहले उन्होनें जिले को गड्ढायुक्त से मुख्ती दिलाये जाने की दिशा मेंसकारात्मक पहल शुरू की थी। जिले की सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने के लिए पहली किस्त के तौर करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये की धनराशि जारी हुई है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जिले में सड़कों के निर्माण के लिए 3 करोड़ 48 लाख 43 हजार रुपये जारी करने का पत्र सांसद मेनका गांधी को भेजा है। मेनका गांधी ने इस पत्र के मिलने पर डिप्टी सीएम व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शुक्रिया भी अदा किया है।

उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि मार्ग गुणवत्तापूर्ण तरीके से निर्धारित समय के अंदर पूरे किए जाएं। सड़कों में गड्ढा होने से दुर्घटनाएं होती हैं। विकास भी अवरुद्ध होता है। यह धनराशि जारी करने के लिए सांसद मेनका गाँधी ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद कहा है।

सीएम योगी के नक़्शे कदम पर चलते केजरीवाल

बीते 5 अक्टूबर से दिल्ली की आम आदमी पार्टी ने भी इस कदम की ओर पहल कर दिल्ली की सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के लिए अभियान शुरू किया है। सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाली PWD की 1260 किलोमीटर सड़कों के गड्ढे भरने के लिए आम आदमी पार्टी के विधायक, इंजीनियर्स के साथ मिलकर सड़कों का निरीक्षण करेंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे को लेकर ट्वीट भी किया है जिसमें उन्होनें लिखा, दिल्ली सरकार के अधीन PWD सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने का अभियान आज से शुरू। 50 विधायक आज 25-25 KM सड़क का निरीक्षण करेंगे, जिसमें हर विधायक के साथ एक इंजीनियर भी होगा। ऐप के जरिए गड्ढे या अन्य खराबी की फोटो और लोकेशन रिकॉर्ड होगी और हर खराबी को तुरंत ठीक कर दिया जाएगा।

उन्होनें एक ओर ट्वीट करते हुए लिखा, दिल्ली सरकार (PWD) के अधीन दिल्ली की कुछ ही सड़कें आती हैं लेकिन उनपर रोज लाखों वाहन चलते हैं। बारिश से सड़कों पर जो असर होता है उससे किसी को असुविधा न हो इसलिए ये अभियान चलाया जा रहा है। इतने बड़े स्तर पर पहली बार सड़कों का निरीक्षण हो रहा है। बता दें कि इस अभियान का आगाज़ सीएम अरविन्द केजरीवाल ने बीते 1 अक्टूबर से करी थी।

=>
=>
loading...
BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH