लखनऊ। उन्नाव में गैंगरेप के बाद जलाई गई पीड़िता का शव शनिवार को गांव में ही दफना दिया गया है। स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ मंत्री कमलरानी वरुण दुष्कर्म पीड़िता के अंतिम संस्कार में पहुंचीं। वहीं, कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने बताया कि परिवार में एक लोग को उचित नौकरी, परिवार की मांग पर सस्त्र लाइसेंस और मुख्यमंत्री से मिलवाने का वादा किया। फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई का भी आश्वासन दिया। जिसके बाद परिवार पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए मान गया। अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी कर पीड़िता का शव दफनाया गया।
उन्नाव गैंग पीड़िता के परिवार वाले शनिवार शाम को दिल्ली से शव आने के बाद से ही सीएम योगी आदित्यनाथ को बुलाने की मांग कर रहे थे। प्रशासनिक अधिकारियों के कई घंटे तक समझाने के बाद परिवार वाले आखिरकार मान गए और पीड़िता को दफनाया गया। इस दौरान वहां मौजूद हजारों लोगों की आंखें नम हो गईं। सबकी बस यही मांग थी कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले। इस बीच सरकार ने ऐलान किया है कि पीड़िता की बहन को सरकारी नौकरी और भाई को हथियार लाइसेंस मिलेगा।
इससे पहले पीड़िता के पिता ने ऐलान किया था कि वह अपनी बेटी को अब जलाएंगे नहीं, बल्कि दफनाएंगे। उन्होंने कहा था, ‘हम अपनी बेटी को दफनाएंगे। मैं उसे अब और नहीं जलाना चाहता। मेरी प्यारी बेटी पहले ही जल चुकी है।’ कड़ी सुरक्षा के बीच रविवार दोपहर पीड़िता को गांव के बाहरी इलाके में खाली पड़े मैदान में दफना दिया गया।