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जेएनयू हिंसा: छात्रों ने बयां किया परिसर में हिंसा का भयावह दृश्य

नई दिल्ली| जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में रविवार की शाम फिर बवाल मचा। कुछ नकाबपोश हमलावरों ने विश्वविद्यालय परिसर में घुसकर साबरमती छात्रावास के छात्रों को निशाना बनाया। नकाबपोश पुरुषों और चेहरा ढकी महिलाओं ने छात्रावास के कमरे में तोड़फोड़ की और छात्रों की पिटाई की।

रोती हुई एक छात्रा ने हिंसा के इस दृश्य के संबंध में बताया, “मैं कमरे में थी। भगदड़ के बीच मैंने कई लड़कियों को आते देखा। मैंन सबसे अपने-अपने कमरे बंद कर लेने को कहा। मैं जब वीडियो क्लिप लेने की कोशिश कर रही थी तभी उन्होंने मेरे ऊपर पत्थर मारा।” वामपंथी और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने हालांकि एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं। इस बीच पुलिस आ चुकी है और निषेधाज्ञा लागू हो चुका है।

हिंसा के इस वारदात की निंदा सभी ने की है। राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव ने हिंसा की निंदा करते हुए ट्वीट के जरिए कहा, “जेएनयूएसयू प्रेसीडेंट आईशी घोष की बुरी तरह पिटाई की गई है और उनके सिर से काफी रक्तस्राव हुआ है। यह कब रूकेगा? एसओएसजेएनयू शर्मनाक। “पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार डॉ. संजय बारु जेएनयू अलुमनाई हैं और उनकी पत्नी विश्वविद्यालय में शिक्षिका हैं। बारु ने कहा, “मैं परिसर में नहीं रहता हूं। मेरी पत्नी वहां हैं। उनके छात्र-छात्राएं वहां रहते हैं। वे भयभीत हैं। यह संगठित हमला है और मेरे जैसे अलुमनाई को इसका विरोध करना चाहिए।”

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH