लखनऊ। गोरखपुर के डॉ. कफील खान के खिलाफ योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ भड़काऊ बयान देने के आरोप में उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगा दिया गया है।
बता दें कि शुक्रवार को डॉ. कफील खान जमानत पर रिहा होने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही राज्य सरकार ने उनके ऊपर रासुका लगा दिया जिससे उनकी मुश्किलें फिर से बढ़ती नजर आ रही हैं।
डॉक्टर कफील खान पर पिछले साल 12 दिसंबर को एएमयू में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपी एसटीएफ) ने कफील को जनवरी में मुंबई से गिरफ्तार किया था।
डॉक्टर कफील खान को गिरफ्तार करने के लिए यूपी एसटीएफ लगाने पर सवाल भी उठे थे। हालांकि उस समय पुलिस का कहना था कि न्यायिक प्रक्रिया के तहत डॉक्टर कफील खान की गिरफ्तारी हुई है।
पुलिस के मुताबिक डॉक्टर कफील खान को हेट स्पीच की वजह से गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया था।
यूपी एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद डॉक्टर कफील खान ने कहा था, ‘मुझे गोरखपुर के बच्चों की मौत के मामले में क्लीन चिट दे दी गई थी। अब मुझको फिर से आरोपी बनाने की कोशिश की जा कर रही हैं। मैं महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि मुझे महाराष्ट्र में रहने दे. मुझको उत्तर प्रदेश पुलिस पर भरोसा नहीं है।’
गौरतलब है कि इससे पहले भी कफील कई बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 60 बच्चों की मौत के मामले में सुर्खियों में आ गए थे। हालांकि बाद में इस मामले में उनको क्लीन चिट दे दी गई थी।