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निर्भया केस: कोर्ट रूम में तलाक और फांसी के फंदे से बच जाएगा अक्षय!

नई दिल्ली। निर्भया के चारों दोषियों को 20 मार्च को फांसी दी जानी है। चारों दोषी अपने सभी क़ानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर चुके हैं। ऐसे में निर्भया के एक दोषी अक्षय की पत्नी ने नया दांव चला है। अक्षय ठाकुर की फांसी से पहले उसकी पत्नी पुनीता देवी ने औरंगाबाद फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल की है। पुनीता ने अपनी अर्जी में कहा है कि वह अक्षय की विधवा बनकर नहीं रहना चाहती है।

अक्षय बिहार के औरंगाबाद जिले का रहने वाला है। प्रधान न्यायाधीश रामलाल शर्मा की अदालत में अक्षय ठाकुर की पत्नी ने तलाक के लिए अर्जी देते हुए कहा कि उसके पति रेप के केस में सजायाफ्ता हुए हैं और उन्हें फांसी दी जानी है। वह नहीं चाहती है कि वह उनकी विधवा कहलाए। हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 13 (2) (कक) के तहत यह मुकदमा किया गया है। इस मामले की सुनवाई के लिए 19 मार्च की तिथि तय की गई है। परिवार न्यायालय में वाद संख्या 58/20 पर अब अगली तिथि को सुनवाई होगी।

पुनीता देवी के अधिवक्ता मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि पीडि़त पत्नी को इस मामले में तलाक का अधिकार है। इसके लिए कानून में प्रावधान है और उसी लिहाज से यह वाद दाखिल किया गया है। न्यायालय के स्तर से इस पर सुनवाई होगी। इधर महिला अपने बच्चे के साथ अदालत परिसर में मौजूद रही और निराशा भी जताई। उसने कहा कि उसके पति निर्दोष हैं लेकिन अदालत ने जब उन्हें सजा दे दी है तो वह खुद को इससे अलग कर रही है।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH