कानपुर। जहां एक तरफ कोरोना से संक्रमिक लोगों की गिनती हर रोज़ बढ़ती जा रही वहीँ लोगों के अंदर अब इसका इतना डर बैठ चुका है कि अब कोई खांस भी दे तो लोगों को लगता है कि दूसरा शख्स कोरोना से संक्रमिक होगा। कुछ ऐसा ही हुआ महाबोधि एक्सप्रेस में जहां एक शख्स दुबई से वापस लौटने के बाद इसी ट्रेन से घर जा रहे थे कि तभी उनको खांसी आ गई। बस फिर क्या था उनके सहयात्रियों ने उसे कोरोना संक्रमित समझकर टॉयलेट में बंद कर दिया। बाद में जब ट्रेन कानपुर सेंट्रल पहुंची तो वहां के सुरक्षा बलों की मदद से यात्री को टॉयलेट से निकालकर प्लेटफार्म पर उतारा गया।
यह शख्स महाबोधि एक्सप्रेस के एसी सेकेंड क्लास (ए-2, बर्थ-6) में सफर कर रहा था। उसको दिल्ली से चलने के बाद ही खांसी आ गई। तभी बाकी यात्री उसे कोरोना संक्रमिक समझने लगे और उसे ट्रेन के टॉयलेट में बंद कर दिया। तुरंत इसकी सूचना सेंट्रल स्टेशन को दी गई। स्वास्थ्य विभाग ने मौके पर दो एंबुलेंस पहुंचा दीं। डाक्टरों की जांच में वह सामान्य निकला। बाद में गया का टिकट लेकर यात्री दूसरी ट्रेन से घर गया।
गया बिहार के रहने वाले मो रियाज अंसारी दुबई से स्वदेश लौटे थे। एयरपोर्ट पर उनकी थर्मल स्कैनिंग हुई जिसमें वह सामान्य निकले। इसके बाद महाबोधि एक्सप्रेस से वह गया जा रहे थे। लगातार सफर से उनकी आंखें लाल हो गईं। दिल्ली से जब ट्रेन चली तो रास्ते में उन्हें खांसी आ गई। वह लोगों को बता चुके थे कि दुबई से लौटे हैं।
दुबई में कोराना संक्रमण फैला होने की खबर से लोग चौक्कने हो गए। सह यात्रियों ने उन्हें कोरोना संदिग्ध समझ लिया और पकड़कर टॉयलेट में बंद कर दिया। बोगी में अफरातफरी मच गई। एक यात्री ने सेंट्रल स्टेशन पर फोन कर दिया कि कोरोना संक्रमित यात्री सफर कर रहा है। उसके बाद जब ट्रेन रुकी तो आरपी और आरपीएफ के जवानों ने जाकर टॉयलेट खोला और यात्री को बाहर निकाला।