कोरोना वायरस ने दुनिया भर में हाहाकार मचा रखी है। इसका कोई भी इलाज न होने के कारण सोशल डिस्टेंसिंग ही इसको कम करने में सबसे कारगर दिख रही है।
इसी वजह से दुनिया की आधी से अधिक आबादी घरों के अंदर ही रहने को मजबूर है। लॉकडाउन ने कई देशों में आर्थिक संकट तक ला दिया है।
भारत में लॉकडाउन 25 मार्च से लागू किया गया है, ये 14 अप्रैल तक जारी रहने वाला है। भारत में 11 मार्च को कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 50 के पार हो गई थी।
यूपी : दैनिक कार्य करने वाले विभिन्न श्रेणी के लाभार्थियों को मिलेंगे 1000 रुपए
इसके बाद 24 मार्च तक देश में कोरोना वायरस मामले के हर दिन बढ़ने की औसत रफ्तार 20 से 25 फीसदी देखी गई। 25 मार्च से 8 अप्रैल के बीच ये आंकड़ा 17 फीसदी ही रहा। यानि की औसतन हर दिन केस बढ़ने की रफ्तार में लॉकडाउन की वजह से 03 फीसदी कमी देखी गई है।
यानि की दूसरे देशों की तुलना में भारत में लॉकडाउन की वजह से कोरोना संबंधी मामलों की गति में धीमापन देखा गया है, जो कि एक अच्छा संकेत है।