लखनऊ। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने 21 दिनों का लॉकडाउन किया है। इस दौरान लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया जा रहा है। किसी को भी घर से बाहर निकलने की छूट नहीं है। लेकिन कभी कभी ऐसी विपत्ति आ जाती है जिसपर इंसान का बस नहीं होता। कुछ ऐसा ही हुआ लखनऊ यूनिवर्सिटी में पढाई कर रही महाराजगंज की छात्रा अन्नपूर्णा के साथ। अन्नपूर्णा के पिता का देहांत हो गया था। जैसे ही फोन पर इस बात की जानकारी उसे मिली, उसके पैरों तले जमीन खिंसक गई। लॉकडाउन के चलते वो अपने पिता के अंतिम दर्शन करने में असमर्थ थी।
ऐसे में उसके एक दोस्त ने कलेक्ट्रेट परिसर से सम्बद्ध एसडीएम रोशनी यादव का नंबर दिया। छात्रा ने एसडीएम को पूरी बात बताई। जिसके बाद एसडीएम ने अन्नापूर्णा का ऑनलाइन पास बनवाया और घर पहुंचने के लिए गाड़ी की भी व्यवस्था की, जिससे वह अपने घर पहुंच कर पिता को अंतिम विदाई दे सकीं।
एसडीएम रोशनी यादव ने बताया, ‘मुझे सुबह प्राइवेट नम्बर पर कॉल आया। अन्नापूर्णा ने अपने पिता की मौत की सूचना देकर मदद के लिए गुहार लगाई। चूंकि लॉकडाउन में शहर की सारी सीमाएं सील हैं, ऐसे में बिना गाड़ी पास के उसका घर पहुंचना मुश्किल था। मुझसे जो मदद हो सकी वो मैंने की।