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पीएम मोदी ने की स्वामित्व योजना की शुरुआत, बोले- कठिनाइयों में भी नागरिक कोरोना से लोहा ले रहे

नई दिल्ली। पंचायती राज दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशभर के सरपंचों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की। संबोधन से पहले पीएम मोदी ने ई ग्राम स्वराज एप्लिकेशन और स्वामित्व योजना की शुरुआत की करते हुए इसकी महत्ता बताई। साथ ही कहा कि कोरोना संकट से हमें संदेश मिलता है कि हम आत्‍मनिर्भर बनें।

उन्‍होंने कहा, ‘कोरोना ने काम करने के तरीके बदल दिए। पहले हम एक दूसरे से आमने-सामने बातें करते थे लेकिन अब तकनीक का सहारा ले रहे हैं।’ आज वही कार्यक्रम वीडियो कॉन्फेंसिंग के माध्यम से करना पड़ रहा है। उन्‍होंने कहा, ‘आज अनेक पंचायतों को अच्‍छे कार्यों के लिए पुरस्‍कार मिले। इन सबों को व गांव वालों को अनेक बधाई।’

मोदी ने कहा कि इतना बड़ा संकट आया, इतनी बड़ी वैश्विक महामारी आई, लेकिन इन 2-3 महीनों में हमने ये भी देखा है भारत का नागरिक, सीमित संसाधनों के बीच, अनेक कठिनाइयों के सामने झुकने के बजाय, उनसे टकरा रहा है, लोहा ले रहा है।

ये सही है कि रुकावटें आ रही हैं, परेशानी हो रही है, लेकिन संकल्प का सामर्थ्य दिखाते हुए, नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते हुए, नए-नए तरीके खोजते हुए, देश को बचाने का और देश को आगे बढ़ाने का काम भी निरंतर जारी है।

मोदी ने कहा कि आप सभी ने दुनिया को मंत्र दिया है- ‘दो गज दूरी’ का, या कहें ‘दो गज देह की दूरी’ का। इस मंत्र के पालन पर गांवों में बहुत ध्यान दिया जा रहा है। ये आपके ही प्रयास है कि आज दुनिया में चर्चा हो रही है कि कोरोना को भारत ने किस तरह जवाब दिया है।

पीएम मोदी ने कहा कि इस कोरोना संकट ने दिखा दिया है कि देश के गांवों में रहने वाले लोग, इस दौरान उन्होंने अपने संस्कारों-अपनी परंपराओं की शिक्षा के दर्शन कराए हैं। गांवों से जो अपडेट आ रहा है, वो बड़े-बड़े विद्वानों के लिए भी प्रेरणा देने वाला है।

पीएम मोदी बोले कि 5-6 साल पहले देश की सिर्फ 100 पंचायत ब्रॉडबैंड से जुड़ी थी, लेकिन आज सवा लाख पंचायतों तक ये सुविधा पहुंच गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन वेबसाइट को शुरू किया गया है, उसके जरिए गांव तक जानकारी और मदद पहुंचने में तेजी आएगी। अब गांव की मैपिंग ड्रोन के जरिए की जाएगी, जबकि बैंक से ऑनलाइन लोन लेने में भी मदद मिलेगी। अभी इसकी शुरुआत महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश समेत कुल 6 राज्यों में इसकी शुरुआत हो रही है, फिर हर गांव तक इसे ले जाया जाएगा। इतना ही नहीं, गांवों में कॉमन सर्विस सेंटरों की संख्या भी तीन लाख को पार कर रही है।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH