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कोरोना को हराकर घर लौटी नर्स, बोली- इस शख्स का चेहरा देखकर जीती मौत से जंग

नई दिल्ली। चीन के वुहान शहर से शुरू हुए कोरोना ने देशभर में सैकड़ों लोगों की जान ले ली है जबकि हज़ारों लोग इसके संक्रमण से ग्रसित हैं। इन सबके बीच डॉक्टर पूरी जी जान से अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। डॉक्टरों को भी पता है कि वो कोरोना मरीजों का इलाज करते करते कोरोना ग्रसित हो सकते हैं फिर भी वो अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से निभा रहे हैं।

मध्य प्रदेश के इंदौर में दो डॉक्टरों की मौत कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते हो चुकी है। वहीं देश के कई अस्पतालों में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों में कोरोना का संक्रमण हो चुका है। फिर भी देश के सभी डॉक्टर्स अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं।

हाल ही में बहादुरगढ़ की नर्स कोरोना पॉजिटिव मिली थी। कोरोना मुक्‍त होकर वे अपने घर लौटी हैं। उन्‍होंने बताया कि फोन पर बेटी का चेहरा देखकर ही उन्‍होंने इस लड़ाई को जीता। बेटी को बताया भी नहीं कि मुझे कोरोना था।

दिल्ली के महाराज अग्रसेन अस्पताल में सीनियर स्टाफ नर्स ने बताया कि मैंने कोरेाना पॉजिटिव दो मरीजों को वेंटिलेटर पर सांस की नली लगवाने में डॉक्टर की मदद की थी, जिसकी वजह से मैं भी उनके संपर्क में आ गई और मुझे कोरोना संक्रमण हो गया। गत आठ अप्रैल को यह रिपोर्ट आई थी। शाम को अस्पताल से फोन पर सूचना मिली कि आपकी रिपोर्ट पॉजिटिव है और आप तुरंत अस्पताल में आ जाओ।

ये सुनकर मेरे पैरों तले जमीन खिंसक गई। फिलहाल मैं अस्पताल में एडमिट हो गई। मुझे अपने घरवालों की चिंता हो रही थी। खासतौर से मेरी बेटी की। जो बार बार कॉल कर मुझे घर आने को कहती थी। मैं हर बार उससे यही कहती कि मैं लोगों को इलाज कर रही हूँ जल्दी घर आऊंगी। बेटी अक्सर वीडियो कॉल करती और मुझसे घर आने की जिद करती। सच कहूं तो बेटी का चेहरा देखकर ही मुझे हिम्मत मिली और मैं कोरोना से जंग जीत पाई।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH