नई दिल्ली। चीन के वुहान शहर से शुरू हुए कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में लाखों जिंदगियां लील ली हैं। दुनियाभर की सरकारों ने कोरोना को ख़त्म करने के लिए लॉकडाउन किया है लेकिन ये लॉकडाउन भी लोगों पर भारी पड़ रहा है। दरअसल कोरोना महामारी फैलने से लगे लॉकडाउन में अपने घरों में ही कैद हुए कई लोगों की मानसिक स्थिति अब विचलित होने लगी है। अजीब तरह का डर, भविष्य को लेकर अस्थिरता, तनाव और एक अजीब तरीके की चिंता ने लोगों को इस कदर अवसाद ग्रस्त कर दिया है कि उनका मन आत्महत्या जैसे ख्यालों से घिरने लगा है।
बात करें थाइलैंड की तो वहां जितने लोग कोरोना से नहीं मर रहे, उससे ज्यादा सुसाइड से मर रहे हैं। पिछले कुछ हफ्तों में थाईलैंड के लोकल मीडिया ने सुसाइड के कई मामलों की रिपोर्ट की है। ज्यादातर मामलों में लोग आर्थिक हालात से तंग आकर खुद की जान लेने पर मजबूर हो रहे हैं। थाइलैंड में ज्यादातर लोग टूरिज्म पर निर्भर हैं। लेकिन कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के बाद वहां का टूरिज्म सेक्टर पूरी तरह चौपट हो गया है। इससे लोग भविष्य की अनिश्चिताओं से घिर गए हैं और सुसाइड जैसा कदम उठा रहे हैं।
गौरतलब है कि थाईलैंड आय के असमान वितरण की वजह से पूरी दुनिया में ऊंची पायदान पर आता है साथ ही इस देश में दक्षिण-पूर्वी एशिया में सबसे ज्यादा सुसाइड रेट है।