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अब ओलंपिक में मैडल दिलाएगी पिता को साइकिल पर बैठाकर 1200 किमी की दूरी तय करने वाली बिहार की बेटी

दरभंगा। अपने पिता को साइकिल पर बिठाकर गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा की करीब 1200 किमी की दूरी तय करने वाली ज्योति की हर कोई तारीफ कर रहा है। ज्योति ने रोज़ 100-150 किमी साइकिल चलाई। रात में किसी पेट्रोल पंप के पास रुक जाती थी, फिर सुबह उठकर वह दोबारा अपनी यात्रा शुरू करती।

ज्योति के पिता ग्ररुग्राम में ऑटोरिक्शा चलाते थे और उनके दुर्घटना का शिकार होने के बाद वह अपनी मां और जीजाजी के साथ जनवरी में गुरुग्राम गई थी। पिता की देखभाल के लिए वहीं रुक गई। इसी बीच कोरोना के कारण लॉकडाउन की घोषणा हो गई और ज्योति के पिता का काम ठप पड़ गया। ऐसे में ज्योति ने पिता के साथ साइकिल पर वापस गांव का सफर तय करने का फैसला किया।

ज्योति की इस प्रतिभा से प्रभावित होकर भारतीय साइकिलिंग महासंघ के निदेशक वीएन सिंह ने ज्योति को बड़ा ऑफर दिया है। असोसिएशन ने उन्हें ‘क्षमतावान’ करार देते हुए कहा कि हम ज्योति को ट्रायल का मौका देंगे और अगर वह सीएफआई के मानकों पर थोड़ी भी खरी उतरती हैं तो उन्हें विशेष ट्रेनिंग और कोचिंग मुहैया कराई जाएगी।

वीएन सिंह ने कहा, ‘हम तो ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ियों की तलाश में लगे रहते हैं और अगर लड़की में इस तरह की क्षमता है तो हम उसे जरूर मौका देंगे। आगे उन्हें ट्रेनिंग और कोचिंग शिविर में डाल सकते हैं। उससे पहले हालांकि हम उनको परखेंगे। अगर वह हमारे मापदंड पर खरी उतरती हैं तो उनकी पूरी सहायता करेंगे। विदेशों से आयात की गई साइकिल पर उन्हें ट्रेनिंग कराएंगे।’

इस संबंध में पूछे जाने पर ज्योति कहती हैं कि फेडरेशन वालों का फोन आया था और उन्होंने ट्रायल के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “अगर मौका मिलेगा तो जरूर जाउंगी लेकिन अभी मेरा ध्यान आगे की पढ़ाई करना चाहती हूं। वैसे अभी मैं थकी हुई हूं।”

उन्होंने कहा कि वह लॉकडाउन के बाद दिल्ली जाकर ट्रायल देगी। वह पढ़ाई के साथ साइकिलिंग भी करना चाहती है। मौका मिला तो वह साइकिलिंग में देश का प्रतिनिधित्व करना चाहती है।

बता दें कि ज्योति को मदद देने के लिए लगातार लोग आगे आ रहे हैं। शुक्रवार को जन अधिकार पार्टी ने ज्योति को आर्थिक मदद पहुंचाई है। वहीं उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर ज्योति को एक लाख रुपये देने का एलान किया है।

अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, “सरकार से हारकर एक 15 वर्षीय लड़की निकल पड़ी है अपने घायल पिता को लेकर सैकड़ों मील के सफर पर.. दिल्ली से दरभंगा। आज देश की हर नारी और हम सब उसके साथ हैं। हम उसके साहस का अभिनंदन करते हुए उस तक 1 लाख रु. की मदद पहुंचाएंगे।”

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH