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भूख से नहीं हुई इस महिला की मौत, ये है इस फोटो की सच्चाई

नई दिल्ली। सरकार ने लाकडाउन में अपने घरों से दूर फंसे लोगों को घर तक पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था की है। अब तक लाखों लोग इन्ही ट्रेनों के माध्यम से अपने अपने घरों को पहुंचे हैं लेकिन इस बीच ट्रेनों में यात्रा कर रहे कुछ लोगों के लिए ये अंतिम सफर साबित हुआ। एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है जिसमें मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर एक महिला का शव पड़ा हुआ है और उसका ढाई साल का बच्चा मां के शव को ढंकने वाली चादर से खेल रहा है। बच्चे को पता ही नहीं कि उसकी मां अब इस दुनिया में नहीं है। बच्चा इस उम्मीद में है कि मां अभी उठेगी।

35 साल की अरवीना खातून कटिहार की रहने वाली थी। महिला अपनी बहन और जीजा के साथ श्रमिक एक्सप्रेस से अहमदाबाद से बिहार आ रही थी। बीते रविवार वह ट्रेन में सवार हुई। सोमवार को दोपहर करीब 12 बजे महिला की ट्रेन में जान चली गई। ट्रेन मुजफ्फरपुर जंक्शन पर दोपहर के करीब तीन बजे पहुंची। तब रेलवे पुलिस ने महिला का शव ट्रेन से उतारा। इस बीच सोशल मीडिया पर ये अफवाह उड़ने लगी कि महिला की मौत भूख से हुई है।

मृतक महिला के जीजा से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि ट्रेन में हम लोगों को खाने और पीने की कोई भी दिक्कत नहीं हुई। ये सब अचानक हुआ। मेरी साली की तबियत अचानक ही ट्रेन में ख़राब हुई और उसने दम तोड़ दिया।

उधर, बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के सहयोगी संजय यादव ने यह वीडियो ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा- यह मासूम नहीं जानता कि जिस चद्दर से वह खेल रहा है, वह उसकी मां का कफन है, जो अब कभी नहीं लौटेगी। ट्रेन में 4 दिन से चल रही इसकी मां की भूख और प्यास से मौत हो गई। ट्रेन में होने वाली इन मौतों का जिम्मेदार कौन है? क्या विपक्ष यह परेशान करने वाला सवाल नहीं पूछ सकता?

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH