मुंबई। बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ने भले ही फिल्मों में विलेन का किरदार निभाकर फेम पाया हो लेकिन असल जिंदगी में वो हीरो निकले। इस समय सोनू सूद प्रवासी मजदूरों के मसीहा बन चुके हैं। लॉकडाउन में उन्होंने लगातार प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचने में मदद की। सोनू सूद का कहना है कि जब तक आखिरी प्रवासी भाई अपने घर तक नहीं पहुंच जाता उनका काम पूरा नहीं होगा। हर कोई सोनू सूद के इस कदम की तारीफ कर रहा है लेकिन लगता है शिवसेना को सोनू सूद का काम पसंद नहीं आया।
दरअसल, शिवसेना ने एक्टर सोनू सूद को बीजेपी का प्यादा कह दिया। शिवसेना के मुखपत्र सामना में पार्टी नेता संजय राउत ने कहा कि बीजेपी सोनू सूद का इस्तेमाल सरकार पर हमला करने कर रही है। सामना के कॉलम में लिखा गया है कि महाराष्ट्र में सामाजिक कार्य की लंबी परंपरा रही है, इसमें महान सामाजिक कार्यकर्ता महात्मा ज्योतिबा फुले और बाबा आम्टे शामिल रहे हैं, और अब इस लिस्ट में एक और व्यक्ति शामिल हो गए हैं, वो हैं सोनू सूद। उनके कई वीडियो और तस्वीरें दिख रही हैं, उनमें सोनू सूद चिलचिलाती धूप में प्रवासी मजदूरों की मदद कर रहे हैं।
संजय राउत ने आर्टिकल में लिखा कि लॉकडाउन के दौरान अचानक सोनू सूद नाम से नया महात्मा तैयार हो गए है। प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए उनके नाम की चर्चा हो रही है। संजय राउत ने कहा कि इस काम के पीछे सोनू सूद महज एक चेहरा हैं। महाराष्ट्र के कुछ राजनीतिक दल सोनू सूद का इस्तेमाल उद्धव सरकार पर आरोप लगाने के लिए कर रहे हैं। ये लोग सोनू सूद को सुपरहीरो के तौर पर पेश करने में सफल रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार की मदद के बिना वो कुछ नहीं कर सकते थे।