नई दिल्ली। चीन की शह पर भारत को आंख दिखा रहे नेपाल को अब चीन ने ही धोखा दे दिया है। नेपाल ने चीन के कहने पर ही कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा का मुद्दा उठा था और इसे अपना हिस्सा बताया था, लेकिन अब चीन ने नेपाल की पीठ में छुरा घोंप दिया है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली भारत के खिलाफ नक्शा बदलने में लग रहे लेकिन चीन ने धोखा देते हुए उत्तरी गोरखा के रुई गांव पर कब्जा कर लिया।
जानकारों ने बताया कि नेपाल सरकार, कानूनविद, बुद्धिजीवी और नागरिक कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा क्षेत्र में भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण के बारे में बात करने में व्यस्त हैं, जबकि गोरखा गांव में चीन के अतिक्रमण की बातों को वहां की सरकार ने छिपा दिया है।
करीब 60 साल तक नेपाल सरकार के अधीन रहने वाले रुई गांव के गोरखा अब चीन के दमनकारी शासन के अधीन हो गए हैं। नेपाली अखबार अन्नपूर्णा पोस्ट के मुताबिक रुई गांव वर्ष 2017 से तिब्बत के स्वायत्त क्षेत्र का हिस्सा हो गया है। इस गांव में अभी 72 घर हैं। रुई गांव अभी भी नेपाल के मानचित्र में शामिल है, लेकिन वहां पर पूरी तरह से चीन का नियंत्रण हो गया है।