काठमांडू। भारत का विरोध कर चीन की गोद में जा बैठे नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कुर्सी खतरे में है। उन्हें कभी भी उनके पद से हटाया जा सकता है। नेपाल की सत्ताधारी कम्यूनिस्ट पार्टी के कार्यकारी चेयरमैन पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ओली से बेहद नाराज हैं और पीएम पद से उनके इस्तीफे पर अड़ गए हैं। अपने खिलाफ विरोध का माहौल बनते देख पीएम ओली ने गुरुवार को प्रचंड को अपने निवास पर बुलाया और शर्मिंदगी से बचने के लिए उन्होंने समझौते पर पहुंचने की कोशिश की। हालांकि, प्रचंड ने उनकी बात मानने से इंकार कर दिया। ऐसे में अब ये माना जा रहा है कि ओली की विदाई तय है।
इससे बौखलाए ओली ने अब भारत पर ही आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं। ओली ने कहा कि भारत उनके खिलाफ साजिश रच रहा है। केपी शर्मा ओली ने कहा “हमने नक्शा सही किया है। हमने इसे संवैधानिक रूप दिया। उसके बाद आपने सुना होगा कि प्रधानमंत्री सप्ताह या 15 दिन में बदल रहे हैं। आपने भारतीय मीडिया और बुद्धिजीवियों के बारे में सुना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत का मोदी तंत्र आश्चर्यजनक रूप से सक्रिय है। दूतावास में सक्रियता बढ़ी है।
ओली ने ये भी कहा कि जब वो पिछली बार प्रधानमंत्री थे तब भी चीन के साथ व्यापार और पारगमन समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद उन्हें हटा दिया गया था। उन्होंने कहा कि अब जब नेपाल अपनी जमीन वापस लाने की कोशिश कर रहा है तो फिर से हटाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, “नेपाल के नेता शामिल हैं। एक बहस चल रही है कि ओली को तुरंत हटाया जाना चाहिए। इसका कोई विकल्प नहीं है।