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अब विकास दुबे का पता लगाएगी आईबी, बचना मुश्किल

कानपुर। अब देश की सबसे बड़ी ख़ुफ़िया एजेंसी आईबी कानपुर में आठ पुलिस वालों की हत्या करने वाले विकास दुबे का पता लगाएगी। आईबी को विकास दुबे का पता लगाने के अभियान में शामिल किया गया है। इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की मदद कर रहे हैं, ताकि अपराधी दुबे का पता लगाया जा सके। सूत्रों का कहना है कि इंटेलिजेंस ब्यूरो और स्पेशल टास्क फोर्स को संदेह है कि गैंगस्टर चंबल के बीहड़ों में छिपा हो सकता है। उन्होंने दुबे के ठिकाने का पता लगाने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस से भी मदद मांगी है।

लाइनमैन ने काट दी थी गांव की बिजली

कानपुर में आठ पुलिस कर्मियों का हत्यारा हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे अभी भी फरार है। तलाश के लिए साठ टीमों में 1500 पुलिस कर्मी लगाए गए हैं। क्राइम ब्रांच की 12 टीमें और एसटीएफ की टीमें दबिश दे रही हैं। हर जिले में सर्विलांस सेल लगी है। बिकरू के आसपास दो दर्जन गांवों में पुलिस ने तलाशी अभियान चलाया। शहर में उसके एक दर्जन ठिकानों पर दबिश दी गई लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल पाया है।

इस बीच इस मामले से जुड़ी से एक बात सामने निकलकर आई है जिससे पता चलता है कि किस तरह साजिश करके गांव में पुलिस कर्मियों को मारा गया। दरअसल पुलिस की टीम रात में बिकरू गांव पहुँचती इसके पहले ही लाइनमैन ने वहां की बिजली काट दी थी। ऐसा उसने चौबेपुर थाने के एक पुलिसकर्मी के कहने पर किया था।

पुलिस सूत्रों की मानें तो लाइनमैन ने स्वीकार किया है कि उसने बिजली काटी थी। इसके लिए उसे किसी ने फोन किया था। ये फोन नंबर भी किसी पुलिसकर्मी का निकला है। अब पुलिस उसकी भी जांच कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वारदात की रात को नजदीकी बिजली सब स्टेशन पर एक फोन आया। कॉलर ने खुद को चौबेपुर थाने से बताते हुए बिकरू गांव वाले फीडर की बिजली सप्लाई बंद करने को कहा। इसके बाद लाइनमैन ने बिजली काट दी. फिर बिकरू गांव में अपराधियों ने खूनी खेला खेला।

लाइनमैन को जिस नंबर से कॉल आया था, उसका भी पता चल गया है। अब पुलिस उस कॉल की जांच कर रही है। छापे के दौरान पुलिस अधिकारी अपनी तरफ से बिजली काटने से इनकार कर रहे हैं। तो अब सवाल उठ रहा है कि क्या बिजली लाइनमैन से प्लान करके कटवाई गई? आखिर इस साजिश के पीछे कौन है?

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH