जयपुर। अब राजस्थान में सीबीआई बिना गहलोत सरकार के इजाजत के राज्य में प्रवेश नहीं कर पाएगी। राजस्थान के गृह विभाग ने इस बाबत एक अधिसूचना जारी कर दी है। अशोक गहलोत सरकार का यह फैसला तब आया है, जब केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा फोन टैपिंग मामले में राज्य सरकार को तलब किया गया है।
विधायकों की खरीद-फरोख्त में कथित संलिप्तता के लिए दलाल संजय जैन के फोन टैपिंग के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को नोटिस भेजा था। मंत्रालय ने सवाल किया है कि किस नियम के तहत टैपिंग की गई। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि कांग्रेसी नेताओं को डर है कि आयकर और ईडी के बाद सीबीआई को भी दो लोगों के राजनीतिक संग्राम में शामिल किया जा सकता है।
गौरतलब है कि यह संग्राम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रहा है। अधिसूचना में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि सीबीआई आईपीसी से संबंधित मामलों की जांच के लिए राजस्थान का दौरा करती है, तो उसे पहले राज्य सरकार की सहमति लेनी होगी। हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राज्यीय मामलों में सीबीआई को राज्य सरकार की सहमति लेने की आवश्यकता नहीं है।