नई दिल्ली। भारत के कोरोना के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऐसे में सभी की आखिरी उम्मीद अब कोरोना की वैक्सीन पर आकर रुक गई है। जहां रूस ने कोरोना वैक्सीन बनाने का दावा किया है तो वहीँ भारत में भी आक्सफोर्ड की कोविशील्ड वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल शुरू हो गया है।
यहां दो 2 लोगों को इसकी पहली डोज दी गई। इनमें से एक 48 साल का वॉलंटियर पुणे के एक निजी अस्पताल में गायनाकोलॉजिस्ट है जबकि दूसरा वॉलंटियर 32 साल का एक डॉक्टरेट है जो एक निजी कंपनी में काम करता है। अस्पताल ने कहा है कि जिन दो लोगों को ऑक्सफोर्ड की ओर से बनाया गया कोविड-19 का टीका लगाया गया था उनके स्वास्थ्य संबंधी अहम मानक सामान्य हैं।
वैक्सीन की पहली डोज 32 साल के वॉलंटियर को बुधवार को दोपहर 1 बजकर 35 मिनट पर दी गई जबकि दूसरे वॉलंटियर को ये वैक्सीन 15 मिनट बाद 1 बजकर 50 मिनट पर दी गई। ऑक्सफोर्ड की कोविशील्ड वैक्सीन का डोज लेने वाला 48 साल का गायनाकोलॉजिस्ट दस साल पहले भी स्वाइन फ्लू की वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल में वॉलंटियर के तौर पर हिस्सा ले चुका है।
वैक्सीन की डोज लेने वाले गायनाकोलॉजिस्ट ने कहा, ‘मैं इस ट्रायल में भाग लेते समय उत्साहित नहीं महसूस कर रहा हूं क्योंकि मैंने इस वायरस से कई लोगों को मरते देखा है। वैक्सीन ही इस वायरस से लड़ने का एकमात्र तरीका है।
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