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पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में महात्मा गांधी, भगत सिंह से लेकर खेती-किसानी के मुद्दे पर की बात

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में देश की जनता को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने आज के कार्यक्रम में लोगों से कहानिया भी सुनीं। उन्होंने कई प्रेरक प्रसंग उठाए. महात्मा गांधी, भगत सिंह से लेकर खेती-किसानी तक के मुद्दे पर बात की। उन्होंने कृषि बिल के फायदे बताए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज एकबार फिर अपने मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे किसान आत्म निर्भर भारत का आधार हैं। प्रधानमंत्री ने कोरोना काल में कृषि के योगदान की बात करते हुए कहा कि ‘कोरोना संकट के काल में भी कृषि क्षेत्र ने अपना दमखम दिखाया है। देश के किसान, गांव जितना मजबूत होंगे, देश उतना आत्मनिर्भर होगा।’ आपको बता दें कि केंद्र सरकार हाल ही में कृषि से जुड़े तीन विधेयक लेकर आई है जिसका भारी विरोध हो रहा है।

पीएम मोदी ने कहा, ‘देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गांव, आत्मनिर्भर भारत का आधार हैं। ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी। बीते कुछ समय में इन क्षेत्रों ने खुद को अनेक बंदिशों से आजाद किया है, अनेक मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया है।’ पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘हमारे यहां कहा जाता है, जो जमीन से जितना जुड़ा होता है, वो बड़े से बड़े तूफानों में भी अडिग रहता है। कोरोना के इस कठिन समय में हमारा कृषि क्षेत्र, हमारा किसान इसका जीवंत उदाहरण है।’

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि ‘आज, गांव के किसान Sweet Corn और Baby Corn की खेती से, ढ़ाई से तीन लाख प्रति एकड़ सालाना कमाई कर रहे हैं. इन किसानों के अपने फल-सब्जियों को कहीं पर भी, किसी को भी बेचने की ताकत है और ये ताकत ही उनकी इस प्रगति का आधार है। 3-4 साल पहले ही महाराष्ट्र में फल और सब्जियों को APMC के दायरे से बाहर किया गया था. इस बदलाव ने महाराष्ट्र के फल और सब्जी उगाने वाले किसानों की स्थिति बदली है।

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ में किसान के अनुभवों को साझा करते हुए नए प्रावधानों के बारे में बताया। उन्‍होंने कहा, “मुझे कई ऐसे किसानों की चिट्ठियां मिलती हैं, किसान संगठनों से मेरी बात होती है, जो बताते हैं कि कैसे खेती में नए-नए आयाम जुड़ रहे हैं, कैसे खेती में बदलाव आ रहा है। हरियाणा के सोनीपत जिले के हमारे एक किसान भाई श्री कंवर चौहान जी हैं।

उन्होंने बताया है कि कैसे एक समय था जब उन्हें मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियां बेचने में बहुत दिक्कत आती थी। अगर वो मंडी से बाहर, अपने फल और सब्जियां बेचते थे, तो, कई बार उनके फल, सब्जी और गाड़ियां तक जब्त हो जाती थी। लेकिन, 2014 में फल और सब्जियों को एपीएमसी ऐक्‍ट से बाहर कर दिया गया, इसका, उन्हें और आस-पास के साथी किसानों को बहुत फायदा हुआ। आज, श्री कंवर चौहान जी और उनके गांव के किसान स्‍वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न की खेती से, ढ़ाई से तीन लाख प्रति एकड़ सालाना कमाई कर रहे हैं।”

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the authorBRIJESH SINGH