लखनऊ। गद्दारों-आस्तीन के सांपों को हर पल मौके की तलाश रहती है कि कैसे देश के तानेबाने को छिन्नभिन्न क्या जा सके ! कैसे देश की बुनियाद को नुकसान पहुंचाया जा सके! देश के दुश्मनों ने ऐसा ही कुचक्र रचा हाथरस कांड की आड़ में जातीय व धार्मिक उन्माद भड़काने के लिए कुटिल व्यूह रचा गया।
विदेशी फंडिग से बाकायदा वेबसाइट तैयार की गई। देश के तमाम हिस्सों में विरोध के नाम पर दंगों का ब्लू प्रिंट तैयार हुआ।पीएफआई, एसडीपीआई और स्लीपर सेलों की मदद ली गई। सोशल मीडिया के लिए भ्रामक-भड़काऊ सामग्री तैयार हुई।
केन्द्रीय खुफिया एजेंसियों को भनक लगते ही इन सांपों को कुचलने की कार्यवाही शुरू हो चुकी है। आनन फानन में वेबसाइट बंद कर साजिशकर्ता अंडरग्राउंड हो गए हैं पर इनका ब्यौरा सुरक्षा एजेंसियों के पास मौजूद है। अब इन सभी तत्वों पर शिकंजा कसा जा रहा है। सामाजिक-सियासी जगत को सतर्क व संवेदनशील होना होगा जिससे देशघातियों के मंसूबों को नष्ट किया जा सके।