नई दिल्ली। यूपी में हाथरस कांड के बहाने दंगे कराने की बड़ी साजिश का पर्दाफ़ाश हुआ है। बताया जा रहा है भारत में जातीय दंगे फैलाने के लिए 50 करोड़ रुपये मॉरीशस से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पास आए। ईडी ने दावा किया है कि पूरी फंडिंग 100 करोड़ रुपये से अधिक थी। मामले की जांच कर रही साइबर सेल की टीम और पुलिस के हाथ अहम सुराग लगे हैं। विदेशी फंडिंग को लेकर ईडी भी इस मामले एक्शन ले सकती है।
गौरतलब है कि बीते दिनों मेरठ से हाथरस में दंगे की साजिश रचने के आरोप में 4 संदिग्धों की गिरफ्तारी की गई है। ये चारों PFI जुड़े हुए हैं। पुलिस के मुताबिक इनके पास से कई विवादित साहित्य भी बरामद हुए हैं। चारों आरोपियों में एक बहराइच का रहने वाला है। मसूद खान जरवल नाम का यह शख्स बैरा क़ाज़ी का रहने वाला और दिल्ली के जामिया का एलएलबी छात्र है। वह दो साल से कैंपस फ्रंट ऑफ़ इंडिया से है। मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने बताया कि कैंपस फ्रंट ऑफ़ इंडिया पीएफआई का स्टूडेंट विंग है।
हाथरस केस में हिंसा की साजिश की जांच में ईडी भी आज मामला दर्ज कर सकती है। यूपी पुलिस ने दावा किया था हाथरस कांड को लेकर हिंसा फैलाने की साजिश रची गई थी। इस साजिश को अंजाम देने के लिए विदेशी फंडिंग भी की गई थी। फंडिंग के आरोपों के बाद ही ईडी इस मामले में सक्रिय हो रही है।