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भारतीय सेना की वीरता का परिचय चीन को मिल गया है: मोहन भागवत

नागपुर। विजयादशमी के मौके पर स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि हमारी सेना की अटूट देशभक्ति व अदम्य वीरता, हमारे शासनकर्ताओं का स्वाभिमानी रवैया तथा हम सब भारत के लोगों के दुर्दम्य नीति-धैर्य का परिचय चीन को पहली बार मिला है।’ मोहन भागवत ने कहा, “पूरी दुनिया ने देखा है कि कैसे चीन भारत के क्षेत्र में अतिक्रमण कर रहा है। चीन के विस्तारवादी व्यवहार से हर कोई वाकिफ है। चीन कई देशों-ताइवान, वियतनाम, यू.एस., जापान और भारत के साथ लड़ रहा है। लेकिन भारत की प्रतिक्रिया ने चीन को परेशान कर दिया है।”

नागपुर में दशहरे के कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा, हमने देखा कि देश में सीएए विरोधी प्रदर्शन हुए जिससे समाज में तनाव फैला। उन्होंने कहा कि कुछ पड़ोसी देशों से सांप्रदायिक कारणों से प्रताड़ित होकर विस्थापित किए जाने वाले व्यक्ति जो भारत में आते हैं, उन्हें इस सीएए के जरिए नागरिकता दी जाएगी। भारत के उन पड़ोसी देशों में साम्प्रदायिक प्रताड़ना का इतिहास है। भारत के इस नागरिकता संशोधन कानून में किसी संप्रदाय विशेष का विरोध नहीं है।

संघ प्रमुख ने कहा कि जो भारत के नागरिक हैं उनके लिए इस कानून में कोई खतरा नहीं था। बाहर से अगर कोई आता है और वह भारत का नागरिक बनना चाहता है तो इसके लिए प्रावधान है जो बरकरार हैं। वो प्रक्रिया जैसी की तैसी है। आरएसएस चीफ ने कहा कि बावजूद इसके कुछ अवसरवादी लोगों ने इस कानून का विरोध करना शुरू किया और ऐसा माहौल बनाया कि इस देश में मुसलमानों की संख्या न बढ़े इसलिए ये कानून बनाया गया है। इसके बाद इस कानून का विरोध शुरू हो गया। देश के वातावरण में तनाव आ गया।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH