नई दिल्ली। महान समाजिक कार्यकर्ता रहे बाबा आमटे की पोती और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. शीतल आमटे कराजगी ने सोमवार को आत्महत्या कर ली। वह वरोरा स्थित महारोगी सेवा समिति (कुष्ठरोग सेवा समिति) की मुख्य कार्यकारी अधिकरी थी। उन्होंने खुद को जहर लगा इंजेक्शन लगाकर मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि शीतल आमटे मानसिक तनाव से गुजर रही थीं।
वारोरा पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारी पी पेंडारकर ने कहा, “प्रारंभिक सूचना के अनुसार कथित तौर पर उन्होंने खुद को जहरीला इंजेक्शन लगाकर सोमवार सुबह अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। उन्हें तुरंत नजदीकी वारोरा ग्रामीण अस्पताल ले जाया गया था।”
मैग्ससे पुरस्कार से सम्मानित मुरलीधर डी. आमटे उर्फ बाबा आमटे की पोती डॉ. शीतल महारोगी सेवा समिति की सीईओ थीं जिसने कुष्ठ रोगियों के बीच सराहनीय काम किया है।