नई दिल्ली। कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर किसान 26 नवंबर से दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हैं। 19 दिन हो गए हैं लेकिन किसान टस से मस होने को तैयार नहीं हैं। किसान सिंधु, टिकरी, पलवल, गाजीपुर सहित कई नाकों पर डटे हैं। वहीं तीनों कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर आज किसान नेताओं का धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल का कार्यक्रम है। इस बीच किसानों की आड़ लेकर पाकिस्तान भी भारत के पंजाबियों को भड़काने में लग गया है।
पाकिस्तान के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने कृषि कानूनों को लेकर भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन का फायदा उठाने की कोशिश की है। चौधरी ने ट्विटर पर कहा कि भारत की स्थिति के कारण पंजाबियों को दुनिया भर में पीड़ा हो रही है।
उन्होंने लिखा, “भारत में जो कुछ भी हो रहा है, उस पर दुनिया भर के पंजाबी समुदाय में दर्द हैं। महाराजा रणजीत सिंह की मृत्यु के बाद से पंजाबियों को एक दूसरे रास्ते की घेराबंदी करनी पड़ रही है। पंजाबियों ने अपने खून से आजादी की कीमत चुकाई, पंजाबी अपने ही मुर्खता के कारण शिकार हो रहे हैं।”
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी भारत के खिलाफ एक बयान में यह कहने की कोशिश की कि भारत में लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है। भारत को “दुष्ट राज्य” कहते हुए, उन्होंने नई दिल्ली पर “विश्व व्यवस्था की स्थिरता के लिए खतरा” बनने का आरोप लगाया।
उन्होंने ट्विटर पर कहा, “पाकिस्तान ने क्षेत्र में लोकतंत्र को कमजोर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान लगातार आकर्षित किया है। फेक समाचार संगठनों और थिंक टैंक की संरचनाओं के माध्यम से/चरमपंथियों को निर्यात/फंड चरमपंथ की ओर आकर्षित किया है।