नई दिल्ली| पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने मंगलवार को कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा पुराने नोटों को जमा करने पर लगाई गई नई सीमा से सबसे ज्यादा गरीब और मध्यम वर्ग के लोग प्रभावित होंगे। कांग्रेस नेता ने रिजर्व बैंक द्वारा पुरानी मुद्रा को बैंकों में जमा करने पर लगाई गई सीमा पर ट्वीट किया, “हताश सरकार हताश उपायों का सहारा ले रही है।”
चिदंबरम ने कहा कि आरबीआई ने सोमवार को घोषणा की कि लोग 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों में 5,000 रुपये से ज्यादा की रकम एक बार से ज्यादा बार जमा नहीं कर सकते। यह रोक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 8 नवंबर को किए गए वादे और वित्त मंत्री द्वारा 11 नवंबर को दिए गए आश्वासन को तोड़ती है कि सभी पुराने नोट बिना किसी बाधा के 30 दिसम्बर तक स्वीकार किए जाएंगे।
मंगलवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्पष्ट किया कि लोग एक बार में जितने भी पुराने नोट जमा करेंगे, उस बारे में उनसे पूछताछ नहीं की जाएगी।
चिदंबरम ने कहा, “नोट जमा करने पर आरबीआई नए नियम बना रही है। वित्त मंत्री कुछ और कहते हैं। किस पर जनता भरोसा करे? किसी की भी विश्वसनीयता नहीं है। काला धन वालों ने अपना धन सफेद कर लिया। गरीब और मध्यम वर्ग को भुगतने के लिए छोड़ दिया गया।”
उन्होंने पूछा, “पुराने नोट 15 दिसंबर तक चलन में थे। क्यों हम पहले की जारी अधिसूचना के मुताबिक 30 दिसंबर तक अपने पुराने नोट जमा नहीं कर सकते।”