Health

मांसपेशी दुर्बलता की बीमारी का इलाज संभव

न्यूयार्क | जीन संवर्धन की एक नई तकनीक से मांसपेशियों में कमजोरी यानी डचेन मांसपेशी दुर्बलता (डीएमडी) का इलाज किया जा सकेगा। डीएमडी नाम की यह बीमारी लड़कों में ज्यादा पाई जाती है जिसके कारण उनकी मांसपेशियों का विकास हो नहीं पाता और वे कमजोरी का शिकार हो जाते हैं। हालांकि डीएमडी नाम की इस बीमारी के पीछे की जेनेटिक खराबी का पता वैज्ञानिकों को पिछले 30 सालों से था, लेकिन अब तक इसे दूर करने का उपाय नहीं मिल पाया था।

इस बीमारी में मांसपेशियों के फाइबर टूट कर वसा के ऊतकों में बदल जाते हैं जिसके कारण मांसपेशियां धीरे-धीरे काफी कमजोर पड़ जाती हैं। इस अवस्था के कारण अक्सर हृदय रोग और कार्डियो संबंधी बीमारियों हो जाती है जिससे कई मरीजों की जान चली जाती है। युवा चूहों पर किए जा रहे अपने शोध के दौरान शोधकर्ताओं ने इस बीमारी के स्थाई इलाज के लिए जीन संवर्धन तकनीक का प्रयोग किया जिसमें उन्हें आशातीत सफलता मिली।

अमेरिका के टेक्सास विश्वविद्यालय के साउथवेस्टर्न मेडिकल सेंटर वरिष्ठ शोधार्थी ऐरिक ऑल्सन ने अपने शोध के बारे में बताया कि यह दूसरी चिकित्सा विधियों से अलग है क्योंकि इसमें रोग के जड़ को ही दूर कर दिया जाता है।

साल 2014 में ऑल्सन और उनके दल ने चूहों को डीएमडी से बचाने के लिए उनकी जीन में बदलाव किए थे। इससे डीएमडी के निदान की तकनीक ढ़ूंढने में सफलता मिली। हालांकि चूहों के जीन में बदलाव की तकनीक मनुष्यों पर पूरी तरह कारगर साबित नहीं हो पा रही थी। इसके बाद से वैज्ञानिक मनुष्य के इलाज की तकनीक पर काम कर रहे थे जिसमें अब जाकर सफलता मिली है। यह शोध साइंस जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

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