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यूक्रेनी सेना ने आसमान में उड़ रहे रूसी हेलीकॉप्टर के उड़ाए परखच्चे, रक्षा मंत्रालय ने जारी किया वीडियो

कीव:  रूस और यूक्रेन के बीच जंग का आज 11वां दिन हैं। लेकिन यूक्रेनी सेना अपनी पूरी ताकत के साथ रूसी सेना से हर मोर्चे पर लड़ रही हैं और उसका डट कर सामना भी कर रही हैं। यूक्रेनी सेना ने रूसी फौज को कीव, खारकीव जैसे बड़े शहरों में बड़े पैमाने पर टक्कर देते हुए आगे बढ़ने से रोक रखा हैं। दोनों ओर से लगातार सैनिकों, मिसाइलों, लड़ाकू विमानों को मार गिराने का दावा भी किया जा रहा है। ऐसे ही दावों के बीच यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया है। इसमें दावा किया गया है कि वह किस तरह रूसा आक्रमणकारियों को मार गिरा रहे हैं।

इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से एक मिसाइल उड़ते हुए हेलीकॉप्टर के परखच्चे उड़ा देती है। यूक्रेनी सेना का दावा है कि उन्होंने ही अपनी सेना के टैंक भेदी जेवलिन मिसाइल से ये कारनामा करके दिखाया है। आपको बताते चले कि यूक्रेन और रूसी सेना के बीच दो दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन दोनों पक्षों की ये बातचीत बेनतीजा निकली।

इस बीच यूक्रेन और रूस के बीच मारियुपोल (Mariupol) और वोल्नोवाखा शहर में 5 घंटे के संघर्षविराम का समझौता हुआ था, लेकिन यूक्रेन ने रूस पर इस सहमति के उल्लंघन कर गोलाबारी का आरोप लगाया है.

 

यूक्रेन का कहना है कि रूसी सेना ने फायरिंग रोकने का वादा किया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मारियुपोल शहर को रूसी सेनाओं ने कई दिनों से घेरा है. वहां बिजली, पानी, भोजन का संकट है. भयंकर सर्दी के बीच लोग परेशान हैं. रूस की इस घेराबंदी को द्वितीय विश्व युद्ध में लेनिनग्राड की नाजी सेना की घेराबंदी से तुलना की गई है. रूसी हमले के बाद से अब तक 12 लाख लोग पड़ोसी मुल्कों की ओर भाग चुके हैं. इससे जनता को साइलेंस पीरियड में शहर से जाने का मौका दिया गया था.

यूक्रेन का कहना है कि हम मारियुपोल शहर में मानवीय संकट का सामना कर रहे हैं. शहर के मेयर वादिम बोयचेंको ने संघर्षविराम के साथ भोजन और दवाओं की पहुंच के लिए मानवीय गलियारे की मांग दोहराई. रूस ने 10 दिनों के हमले में बर्डियांस्क और खेरसान जैसे महत्वपूर्ण शहरों पर कब्जा जमाया है. खेरसान दक्षिण काला सागर के तट पर रणनीतिक तौर पर अहम शहर है.

लेकिन अजोव सागर के किनारे के मारियुपोल शहर पर कब्जा उसके लिए बड़ी रणनीतिक जीत साबित हो सकता है. इसके जरिये रूस यूक्रेन की समुद्री तटों तक पहुंच को पूरी तरह बंद कर सकता है. साथ ही क्रीमिया और डोनबास से आने वाले सैनिकों के बीच संपर्क भी कायम हो सकता है.

 

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