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नकदी अर्थव्यवस्था पर बमबारी है नोटबंदी : राहुल गांधी

rahul-gandhiधर्मशाला| कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी के लिए केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह फैसला गरीब विरोधी है, यह 50 कारपोरेट कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी ‘देश की नकदी अर्थव्यवस्था पर बमबारी है। उन्होंने रैली को संबोधित करते हुए कहा, “कोई नोट कालाधन है या नहीं, यह इस पर निर्भर करता है कि वह किसके हाथ में है। जिसके हाथ में है वह ईमानदार शख्स है या भ्रष्ट।”

उन्होंने कहा, “एक तरफ ईमानदार आदमी है, तो दूसरी तरफ भ्रष्ट आदमी। मोदी मानते हैं यदि नोट भ्रष्ट आदमी के हाथ में जाता है, तो वह काला हो जाता है, उसका रंग बदल जाता है, मानो कोई जादू हो।”

राहुल ने कहा, “कोई नोट बेईमान नहीं होता, बेईमान तो उसे रखने वाला होता है। मोदी जी ने ढाई साल में कितने बेईमानों पर कार्रवाई की? उलटे नोट को बंद कर दिया, बेईमानों को नहीं।”

राहुल ने 40 मिनट के अपने भाषण में कहा कि कांग्रेस कैशलेस (नकदी रहित) प्रणाली के खिलाफ नहीं है, लेकिन इसे थोपा नहीं जाना चाहिए और यह एक ‘बहाना’ नहीं होना चाहिए।

राज्य में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कार्यकाल के चार साल पूरे होने के मौके पर आयोजित रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “नोटबंदी गरीबों, किसानों तथा मध्यम वर्गीय भारतीयों के खिलाफ उठाया गया कदम है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आपने तो भारत को दो हिस्सों में बांट दिया है। एक तरफ एक फीसदी अमीर लोग हैं, तो दूसरी तरफ मध्यम वर्गीय व गरीब तबके के 99 फीसदी लोग। मोदी के दोस्त सुपर रिच लोग मौज कर रहे हैं, और गरीब अपने खून-पसीने की कमाई पाने के लिए कतारों में खड़ा मर रहा है।”

राहुल ने कहा कि मोदी ने कहा था कि नोटबंदी के बाद हालात 50 दिनों के भीतर सुधर जाएंगे, लेकिन सुधरा क्या? अब तो सिर्फ छह दिन बचे हैं, छह से सात महीने में भी कोई सुधार नहीं आने वाला।

उन्होंने कहा, “भारत में केवल छह फीसदी कालाधन नकद में है। बाकी 94 फीसदी रियल एस्टेट व सोने के रूप में और विदेशी बैंकों में है।”

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि हिमाचल की बागवानी (होर्टिकल्चर), कृषि (एग्रीकल्चर) व पर्यटन (टूरिज्म) क्षेत्र पर नोटबंदी का प्रतिकूल असर पड़ा है। इससे उबरने में लंबा वक्त लगेगा।

उन्होंने तीनों क्षेत्रों को मिलाकर उसे एचएटी (हैट) करार देते हुए कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल प्रदेश के सिर से हैट छीन लिया, ठीक उसी तरह जैसे भाजपा सरकारों ने मध्यप्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ में जनजाति समुदाय के लोगों से जमीन छीन ली।”

विदेशी बैंकों से कालाधन वापस लाने के प्रधानमंत्री के वादे पर सवाल उठाते हुए उन्होंने पूछा कि अगर उनकी सरकार वास्तव में कालाधन और भ्रष्टाचार मिटाने के प्रति गंभीर है, तो उन्होंने संसद के पटल पर स्विस बैंक में धन छिपाकर रखने वाले भारतीय खाताधारकों के नामों की सूची क्यों नहीं रखी।

रैली से पहले हिमाचली नृत्य में हिस्सा लेने वाले राहुल ने कहा कि मोदी के साथ अमेरिका का दौरा करने वाले कारपोरेट घराने अधिकांश रक्षा सौदों का ठेका ले रहे हैं और आलीशान कोठियां बनवा रहे हैं।

उन्होंने कहा, “चोर (कालाधन रखने वाले) बेहद शातिर होते हैं और जितना संभव हो सके उतनी ही कम रकम नकदी में रखते हैं। वे नकदी नहीं रखते। जिन्होंने भारी मात्रा में कालाधन जमा कर रखा है, वे उसे केवल नकद ही नहीं, बल्कि रियल एस्टेट, जेवर व अन्य रूपों में निवेश करके रखते हैं। बहुतों के खाते स्विस बैंक में हैं। स्विस बैंक में किनके खाते हैं, यह सरकार को पता है, फिर भी मोदी उन पर कार्रवाई नहीं करते।”

मोदी के उस कटाक्ष पर कि कांग्रेस के एक युवा नेता को बोलना आ गया है, राहुल ने कहा, “जब मैं सवाल पूछता हूं, तो प्रधानमंत्री मोदी मेरा मजाक उड़ाकर बात टालने का प्रयास करते हैं। वह लगातार ऐसा कर रहे हैं, जबकि मैं अपने सवालों के जवाब चाहता हूं। देश जानना चाहता है कि प्रधानमंत्री ने कंपनियों से रिश्वत ली है या नहीं। जांच होनी चाहिए, आखिर प्रधानमंत्री से जुड़ा मामला है।”

उन्होंने कहा कि भाजपा ने दिल्ली में बैंकों व एटीएम के बाहर कतारों में खड़े लोगों को लड्डू दिया है। आम आदमी के लिए लड्डू की कीमत तीन या पांच रुपये है, जबकि विजय माल्या को मोदी सरकार ने 1,200 करोड़ रुपये का लड्डू दिया है। यह बेहद गंभीर मामला है, और यह सब नोटबंदी की आड़ में हुआ है। कालाधन खत्म करने की बात सिर्फ जनता को गुमराह करने के लिए कहा जा रहा है।

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Dileep Kumar
the authorDileep Kumar