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सदी का सबसे बुरा साल हो सकता है 2023, लोगों की जाएंगी नौकरियां

नई दिल्ली। 2022 तो जैसे-तैसे बीत गया। अब नया साल लोगों के लिए काफी उम्मीदें लेकर आया है। लेकिन 2023 इस सदी का सबसे बुरा साल हो सकता है और इसकी कई वजहें भी हैं।

हार्ट अटैक से मौतें बढ़ सकती हैं

पिछले तीन साल से जारी कोरोना महामारी के कारण साल के शुरुआत में देश में तीसरी लहर जरूर देखने को मिली हालांकि समय के साथ इसमें काफी हद तक नियंत्रण पा लिया गया, पर एक समस्या जो पूरे साल लोगों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण बनी रही और आने वाले साल में भी जिसको लेकर विशेषज्ञ अलर्ट कर रहे हैं, वह है हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के बढ़ते मामले। साल 2022 को हृदय स्वास्थ्य के लिए काफी चुनौतीपूर्ण माना जा सकता है।

इस साल हार्ट अटैक के मामले सुर्खियों में रहे, विशेषकर सडेन हार्ट अटैक जिसमें चलते-नाचते हुए लोगों को दिल का दौरा पड़ा जिससे उनकी मौत हो गई। यह खतरा अब भी जारी है और स्वास्थ्य विशेषज्ञ साल 2023 के लिए भी लोगों को अलर्ट कर रहे हैं। कुछ दशकों पहले तक हार्ट अटैक को उम्र बढ़ने के साथ होने वाली समस्या के तौर पर जाना जाता था पर इस साल 30-40 की आयु वाले लोगों में भी इसका खतरा काफी अधिक देखा गया। इस साल हार्ट अटैक-कार्डियक अरेस्ट के कई ऐसे मामले भी दर्ज किए गए जिसमें व्यक्ति को पहले से कोई भी ज्ञात हृदय की बीमारी नहीं थी। डीजे पर डांस करते, रास्ता चलते, काम करते हुए भी लोगों को दिल का दौरा पड़ा। सोशल मीडिया पर इससे संबंधित कई वीडियो और तस्वीरें पूरे साल छाई रहीं।

क्या होगा तीसरा विश्व युद्ध

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध लगातार जारी है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि क्या ये जंग तीसरे विश्व युद्ध में बदल जाएगी? ये सवाल इसलिए क्योंकि साल 2023 को लेकर ऐसी भविष्यवाणियां की गई हैं, जो बहुत बड़े विनाश की तरफ इशारा कर रही हैं। अब तक जिन भविष्यवक्ताओं की आधी से ज्यादा भविष्यवाणी सच साबित हुई हैं, उन्होंने 2023 में ऐसे ही महाविनाश का जिक्र किया है। आखिर क्यों 2022 से ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है 2023? और कैसे उसका असर अभी से दिखना शुरू हो गया है? 2023 में तीसरा विश्व युद्ध होगा। जैविक हथियारों का इस्तेमाल होगा। अमेरिका गृहयुद्ध में फंसेगा। और पेट्रोल की कीमतें रिकॉर्डतोड़ बढ़ेंगी। ये वो भविष्यवाणी हैं। जो दुनिया को डरा रही हैं। चौंका रही हैं। और आशंकाओं को मजबूत कर रही हैं। और ये भविष्यवाणी करने वाले कोई और नहीं, बल्कि वो लोग हैं, जिनकी सालों पहले लिखी गई 70 फीसदी बातें हमेशा सच साबित हुई। ये हैं नास्त्रेदमस और बाबा वेंगा।

2023 में दिख सकता है मंदी का असर, जाएंगी नौकरी

महंगाई पर काबू पाने के उद्देश्य से ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कारण वर्ष 2023 में दुनिया में मंदी का असर दिख सकता है, क्योंकि ऊंची ब्याज दरें कई अर्थव्यवस्थाओं के सिकुड़ने का कारण बन सकता है। सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स और बिजनेस रिसर्च की ओर से यह बात कही गई है। वार्षिक विश्व आर्थिक लीग टेबल के दौरान ब्रिटिश कंसल्टेंसी की ओर से कहा गया है कि साल 2022 में ग्लोबल इकोनॉमी 100 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर गया लेकिन 2023 में इसमें गिरावट की संभवना है क्योंकि नीति निर्धारक महंगाई से दो-दो हाथ करने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी रखे हुए हैं।

महंगाई के खिलाफ जारी जंग का असर पड़ रहा विकास की रफ्तार पर

सीईबीआर के निदेशक और हेड ऑफ कंसल्टिंग के डेनियल न्यूफिल्ड का कहना है कि महंगाई पर काबू करने के लिए ब्याज दरों में की गई बढ़ोतरी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में 2023 में मंदी का असर दिखेगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महंगाई के खिलाफ जंग अभी समाप्त नहीं हुई है। हमें लगता है कि अर्थव्यवस्था में सिकुड़न की आशंका के बावजूद केद्रीय बैंक 2023 में अपना कड़ा रुख काम रख सकते हैं। महंगाई को और अधिक आरामदायक स्तर पर लाने के लिए ब्याज दरों में हो रही बढ़ोतरी से आने वाले कुछ वर्षों में अर्थव्यवस्था के लिए कमजोर विकास का दृष्टिकोण बन रहा है।चौथी भविष्यवाणी उन्होंने ग्लोबल वॉर्मिंग को लेकर 2023 की है. उन्होंने कहा था कि यह साल भी पर्यावरण के लिए अच्छा साबित नहीं होगा. धरती पहले सूखेगी, इसके बाद भयानक बाढ़ आएगी. सूरज इतना गर्म होगा कि मछलियां उबल जाएंगी.

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH