Uttar Pradesh

मुख्तार अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से राहत, जेलर को धमकाने के मामले में मिली सजा पर अंतरिम रोक

नई दिल्ली। उप्र के बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा सुनाई गई 7 साल की सज़ा पर लगाई अंतरिम रोक लगा दी है।

बता दें कि पिछले साल सिंतबर में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने साल 2003 में जेलर को जान से मारने की धमकी देने के केस में माफिया मुख्तार अंसारी को दोषसिद्ध करार दिया था। कोर्ट ने उसे 7 साल कारावास की सजा सुनाई थी। साथ ही 37 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था। हाई कोर्ट के आदेश से पहले निचली अदालत ने मुख्तार अंसारी को इस मामले मे बरी कर दिया था, जिसके खिलाफ सरकार हाई कोर्ट ने अपील दाखिल की थी।

साल 2003 में तत्कालीन जेलर एसके अवस्थी ने थाना आलमबाग में मुख्तार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर के मुताबिक जेल में मुख्तार अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने का आदेश देने पर जेलर एसके अवस्थी को जान से मारने की धमकी दी गई। साथ ही मेरे साथ गाली गलौज करते हुए मुख्तार ने पिस्तौल भी तान दी थी।

बता दें कि बीते दिसंबर माह में गाजीपुर जिले की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 1996 में दर्ज गैंगस्टर मामले में मुख्तार अंसारी को दोषी माना था और मुख्तार अंसारी व उसके सहयोगी भीम सिंह को दस-दस साल की सजा सुनाई थी। अदालत ने दोनों पर पांच-पांच लाख रुपये का अर्थ दंड भी लगाया था। 10 साल की सजा सुनते ही अंसारी रोने लगा था।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH