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परीक्षा पे चर्चा : पीएम मोदी बोले- तनाव मुक्त और प्रफुल्लित रहकर अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करें

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में बोर्ड परीक्षाओं में हिस्सा लेने वाले छात्रों के साथ संवाद किया। दिल्ली के तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में आज ‘परीक्षा पे चर्चा’ का छठा संस्करण आयोजित किया गया। पीएम मोदी ने अपने संबो​धन की शुरुआत करते हुए कहा, मुझे ये परीक्षा देने में आनंद आता है. PM ‘परीक्षा पर चर्चा’ मेरी भी परीक्षा है. देश के कोटि-कोटि विद्यार्थी मेरी परीक्षा ले रहे हैं. मुझे ये परीक्षा देने में आनंद आता है. यदि आप बेहतर करने का प्रयास करता है तो आपके आस-पास से ज्यादा दबाव होगा. इस समस्या से कोई बचा नहीं है. इस तरह से हमें भी अपने राजनीतिक जीवन में इसका नुकसान उठाना पड़ा सकता है. पीएम ने कहा कि चुनाव के वक्त उत्कृष्ट परिणाम हमेशा ‘अधिक उत्कृष्ट’ होने की अपेक्षा होती है. ऐसे में चिंता नहीं करनी चाहिए. तनाव मुक्त और प्रफुल्लित होने के साथ-साथ अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करें.

पीएम मोदी ने कहा कि टीचरों को बच्चों को नरमी और प्रेम से समझाना चाहिए. उनको जिम्मेदारी देकर जवाबदेह बनाने की कोशिश करनी चाहिए. कभी भी बच्चों पर डंडे के डर से अनुशासन लादने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए. बच्चों के साथ दोस्तान बर्ताव करना उनको समझने में मदद कर सकता है.

पीएम ने कहा कि जब एक बार आप इस सत्य को स्वीकार कर लेते हैं की मेरी एक क्षमता है और मुझे अब इसके अनुकूल चीजों को करना है.आप जिस दिन अपने सामर्थ्य को जान जाते हैं, उस दिन बहुत बड़े सामर्थ्यवान बन जाते हैं. हर मां-बाप अपने बच्चों का सही मूल्यांकन करें और बच्चों के भीतर हीन भावना को ना आने दें. हमारा देश जिसे दुनिया ‘औसत’ कहती थी, अब विश्व स्तर पर चमक रहा है! इसलिए कभी भी अपनी क्षमता को कम मत आंकिए. समय बदलता है, हर किसी में कोई न कोई असाधारण हुनर ​​होता है; बात यह है कि आपको उन्हें पहचानने की आवश्यकता है.यदि आप बेहतर करते हैं, तो आपके आस-पास से और भी बेहतर करने का संभावित दबाव है. इससे कोई बचा नहीं है. आपकी तरह हमें भी अपने राजनीतिक जीवन में इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है; चुनावों के उत्कृष्ट परिणाम हमेशा ‘अधिक उत्कृष्ट’ होने की अपेक्षा की जाती है. तो, चिंता मत करो; बस तनाव मुक्त और प्रफुल्लित रहने के साथ-साथ अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करें.अपनी मां के घर में समय-प्रबंधन को गहराई से देखें. जिस तरह से वह अत्यंत दक्षता के साथ हर चीज का सूक्ष्म प्रबंधन करती हैं, वह आप सभी के लिए जीवन में सीखने वाली चीज है. मां कभी भी ऐसा महसूस नहीं करती या करती है जैसे किसी दबाव में हो. उससे सीखो, उसका जीवन! छात्र ये बात समझ कर चलें कि अब ज़िंदगी और जगत बहुत बदल चुका है. आज आपको डगर-डगर पर परीक्षा देनी है. इसलिए जो नकल करने वाला है वो एक-दो एग्जाम तो पार कर जाएगा लेकिन जिन्दगी कभी पार नहीं कर पाएगा.

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा हमारे देश में है, जिस पर देश को गर्व होना चाहिए. पीएम मोदी ने कहा कि एक बार UN में मैंने जान-बूझकर कुछ तमिल भाषा के शब्द कहे, क्योंकि मैं दुनिया को यह दिखाना चाहता था कि दुनिया की सबसे पुरानी भाषा हमारे पास है. पीएम मोदी ने कहा कि नई भाषाएं सीखना हमारे लिए न केवल नए शब्दों और वाक्यों को सीखने और जानने का द्वार खोलता है, बल्कि प्राचीन विरासत, इतिहास, संस्कृति और इनसे जुड़ी सदियों पुरानी सभ्यताओं के बारे में भी जानने का द्वार खोलता है.

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH