NationalTop News

जम्मू-कश्मीर में मिला 59 लाख टन लिथियम का भंडार, दूसरे देशों पर निर्भरता होगी खत्म

नई दिल्ली। देश में पहली बार जम्मू-कश्मीर में लिथियम का भंडार पाया गया है। इसकी कैपिसिटी 59 लाख टन है। लिथियम (G3) की यह पहली साइट है, जिसकी पहचान जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने जम्मू-कश्मीर के रियासी में की है। लिथियम एक अलौह धातु है और इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरी में प्रमुख घटकों में से एक है। खनन सचिव विवेक भारद्वाज के मुताबिक, पहली बार भारत में लीथियम के भंडार की खोज की गई है। आपको बता दें कि लिथियम एक ऐसा नॉन फेरस मेटल (अलौह धातु) है, जिसका उपयोग मोबाइल-लैपटॉप, इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) समेत अन्य चार्जेबल बैटरी बनाने में किया जाता है। यह एक रेअर अर्थ एलिमेंट है। भारत लिथियम के लिए अभी पूरी तरह दूसरे देशों पर निर्भर है।

जम्मू कश्मीर में लिथियम के इतने बड़े भंडार के मिलने से काफी हद तक लिथियम के लिए भारत को दूसरे देशों पर आश्रित नहीं होना पड़ेगा। कहा जा रहा है कि लिथियम के भंडार के मिलने के बाद इलेक्ट्रिक व्हीकल की रफ्तार बढ़ सकती है। खनन सचिव विवेक भारद्वाज के मुताबिक, बैटरी के अलावा मोबाइल फोन या फिर सोलर पैनल के लिए लिथियम की जरूरत होती है। भारद्वाज ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाना है तो ऐसे महत्वपूर्ण खनिजों का पता लगाना और उन्हें संसाधित करना जरूरी है।

बता दें कि देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल को लगातार प्रमोट किया जा रहा है। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह पेट्रोल और डीजल की निर्भरता को कम करना है। केंद्र सरकार का मानना है कि सड़कों पर पेट्रोल-डीजल से चलने वाली गाड़ियों की संख्या जितनी कम होगी, प्रदूषण का स्तर उतना ही कम होगा।

 

=>
=>
loading...
BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH