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सुरक्षा देने हेतु स्वामी प्रसाद मौर्य ने लिखा पत्र, महंत राजू दास दर्ज कराएंगे FIR

लखनऊ। उप्र की राजधानी लखनऊ में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और अयोध्या की तपस्वी छावनी के महंत राजू दास के बीच हुए हाथापाई के मामले में दोनों ने ही एक-दूसरे पर हमला करने का आरोप लगाया है।

लखनऊ के एक होटल में कल बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान हुई इस वारदात पर राजू दास ने कहा है कि मामले में एफआईआर दर्ज कराएंगे, जबकि स्वामी मौर्य ने कमिश्नर को पत्र लिखा है।

महंत राजू दास ने जहां एक तरफ दावा किया कि सपा नेता के समर्थकों ने उन पर हमला किया। उन्होंने मामले में शिकायत दर्ज कराने की बात कही। वहीं दूसरी ओर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने लखनऊ पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर राजू दास और समर्थकों की तरफ से जानलेवा हमले का आरोप लगाया गया।

सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि तपस्वी छावनी मंदिर के महंत राजू दास, महंत परमहंस दास और उनके समर्थकों ने तलवार और फरसा लेकर लखनऊ में उन पर हमला करने की कोशिश की। मौर्य ने पूर्व में राजू दास की तरफ से दी गई धमकी का जिक्र करते हुए सुरक्षा की मांग की है। बता दें कि राजू दास ने मौर्य  का सिर कलम करने पर इनाम घोषित किया था।

‘हत्या कराना चाहती है बीजेपी सरकार’

स्वामी मौर्य ने कहा, ‘भाजपा सरकार मेरी हत्या करना चाहती है। मैंने महिलाओं दलितों आदिवासियों की बात क्या उठाई एक वर्ग के लोग मेरी हत्या की साजिश में लग गए। कोई मेरा सिर काटने के लिए एक लाख तो कोई पांच लाख की सुपारी रख रहा है। साधु रूप में जो अपराधी तत्व हैं, उनके खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।’

उन्होंने कहा, ‘मैंने अपनी सुरक्षा का पत्र पीएम और राष्ट्रपति को भेज दिया है। इसके अलावा सीएम और प्रमुख सचिव को भी भेजा है। कल एक कार्यक्रम के दौरान मुझ पर हमला किया गया। हमला करने वाले वही लोग थे, जिन्होंने मुझे धमकी दी थी। राजू दास ने मुझ पर हमला किया। कल एक कार्यक्रम के दौरान मुझ पर हमला किया गया। हमला करने वाले वही लोग थे, जिन्होंने मुझे धमकी दी थी।’

मौर्य बोले- अब पीछे नहीं लूंगा कदम

MLC ने कहा, ‘राजू दास ने मुझ पर हमला किया। ऐसे छद्म भेष के आतंकियों ने मुझ पर इनाम रखा। मेरे ऊपर चाहे जितने हमले हों लेकिन मैं कदम पीछे नहीं लूंगा। इतनी धमकियों के बाद भी सरकार चुप है। इसका मतलब है कि सरकार की मौन स्वीकृति ऐसे अपराधियों को मिली हुई है। सभी साधु संतों का सम्मान करता हूं। लेकिन इस तरह का कार्य कर रहे हैं, मैं भी आतंकवादी मानता हूं।’

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH