मुंबई। मुंबई की शिवाजी पार्क पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन पर आरोप है कि जीवन बीमा निगम (LIC) से करोड़ों रुपये ठगने के लिए उन्होंने जिंदा आदमी को मरा हुआ बताया। गिरफ्तार आरोपियों के नाम दिनेश टाकसाले, अनिल लटके और विजय मालवदे हैं।
मुंबई पुलिस के जोन-5 के डीसीपी मनोज पाटिल ने बताया कि 21 फरवरी को एलआईसी के अधिकारी ओमप्रकाश साहू की शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 465, 467, 468, 479, 420, 120(B) और 511 के तहत अज्ञात शख्स के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई थी।
डीसीपी ने बताया फ्रॉड का पूरा घटनाक्रम
डीसीपी पाटिल ने बताया कि दिनेश टाकसाले नाम के आरोपी ने 21 अप्रैल 2015 को LIC की 2 करोड़ रुपये की पॉलिसी खरीदी थी। इसके बाद करीब एक साल तक आरोपी ने प्रीमियम समय पर भरा। 14 मार्च 2017 को दूसरे आरोपियों ने एलआईसी में इंश्योरेंस के क्लेम की अर्जी दी। उसमें बताया गया कि 25 दिसंबर 2016 को पुणे नगर इलाके के बेलवांडी पुलिस थाने के अंतर्गत एक सड़क दुर्घटना में दिनेश की मौत हो गई।
अर्जी मिलने के बाद LIC ने जांच शुरू की. तकरीबन 6 साल की जांच के बाद LIC को ऐसा समझ में आया कि दिनेश की मौत नहीं हुई, बल्कि वह जिंदा है और 2016 में बेलवंडी पुलिस स्टेशन जाकर उसकी पहचान करने वाले माता पिता भी उसके असली अभिभावक नहीं हैं। एलआईसी को जांच में यह भी पता चला की पॉलिसी खरीदने के लिए दिनेश ने जो दस्तावेज दिए थे वो भी फर्जी थे।
डीसीपी पाटिल ने बताया की दिनेश ने पॉलिसी खरीदते समय बताया था कि वह खेती करता है जिससे उसे साल में तकरीबन 35 लाख रुपये की कमाई होती है, इसके अलावा वह मेस भी चलाता है जिससे उसे साल में 7-8 लाख की कमाई हो जाती है।
सूत्रों में बताया कि चूंकि एलआईसी ने अपने जांच में दस्तावेज को फर्जी बताया है, इसलिए पॉलिसी शुरू करते वक्त उसने ध्यान क्यों नहीं दिया, इसे लेकर एलआईसी की जांच पर भी सवाल उठ रहे हैं।
डीसीपी पाटिल ने बताया कि दिनेश की असली मां ने एलआईसी जानकारी दी थी उसका बेटा जिंदा है. साथ ही यह भी बताया था कि दिनेश के पिता का 2012 में देहांत हो गया था। पाटिल ने कहा, ”हम जांच कर रहे हैं कि आखिर आरोपियों को कैसे पता चला कि एक शख्स की एक्सीडेंट में मौत हुई है और हम उन नकली मां-पिता की भी तलाश कर रहे हैं”।