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पटना साहिब के बाद गुरु का पहला पड़ाव था ‘हांडी साहिब गुरुद्वारा’

सिखों के दसवें गुरु , खालसा पंथ ,गुरु गोविंद सिंह, जन्मस्थली बिहार, धार्मिक ग्रंथों

 

सिखों के दसवें गुरु , खालसा पंथ ,गुरु गोविंद सिंह, जन्मस्थली बिहार, धार्मिक ग्रंथों

पटना| सिखों के दसवें गुरु और खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोविंद सिंह की जन्मस्थली बिहार की राजधानी पटना में 350वें प्रकाश उत्सव को लेकर देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के आना का सिलसिला जारी है। इस बीच पटना के तख्त श्रीहरिमंदिर साहिब आने वाले लाखों श्रद्धालु पटना के दानापुर स्थित हांडी साहिब गुरुद्वारा जाना नहीं भूल रहे। प्रकाश पर्व को लेकर हांडी साहिब गुरुद्वारा में भी विशेष तैयारियां की गई हैं। सिख संप्रदाय की मान्यता है कि पटना साहिब छोड़ने के बाद गुरु तेग बहादुर के परिवार ने यहां अपना पहला पड़ाव बनाया था।

सिख संप्रदाय के धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, गुरु तेग बहादुर जी अपने परिजनों को पटना में ही छोड़ गए थे। पंजाब पहुंच कर उन्होंने आनंदपुर नामक गांव बसाया। उन्होंने परिजनों को बुलाने का संदेश एक सिख के माध्यम से भेजा। दादी और माता के साथ गोविंद राय (गोविंद सिंह के जन्म का नाम) पंजाब जाते समय अपना पहला पड़ाव दानापुर में वृद्ध यमुना देवी की झोंपड़ीनुमा घर में डाला था।

हांडी साहिब गुरुद्वारे के ग्रंथी परशुराम सिंह बताते हैं कि यहां वृद्धा यमुना देवी ने बालक गोविंद को प्यार से खिचड़ी खिलाई थी। इस बीच, संगत अधिक होने के कारण यमुना देवी ने घबराकर उनसे लाज रखने की प्रार्थना की। गुरुजी ने अपना रूमाल उस खिचड़ी भरी हांडी पर रख दिया। उनकी कृपा से सभी संगत ने भोजन किया, लेकिन खिचड़ी खत्म नहीं हुई।

कहा जाता है कि सुबह जब बालक गोविंद यमुना माई से जाने की इजाजत मांगी तब यमुना ने श्रद्धापूर्वक फिर दर्शन की इच्छा जताई। इसके बाद बालक गांेविद ने यमुना माई से कहा था कि प्रत्येक दिन हांडी में खिचड़ी बनाकर संगत को खिलाएगी, तो वह बालक रूप में संगत में शामिल रहेंगे। उसके बाद यमुना माई के आग्रह पर बालक ने अपने बालक रूप के चरणों का पद चिह्न् छोड़ गए।

आज उसी स्थान पर हांडी साहिब गुरुद्वारा है। यहां आज भी गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के पावन प्रकाश उत्सव के बाद सालाना उत्सव होता है। सिंह बताते हैं, “यहां निर्मित तीर्थस्थल को ‘हांडीवाली संगत’ नाम दिया गया जिसे अब ‘गुरुद्वारा हांडी साहिब’ कहा जाता है।”

गुरुद्वारा के अनुसार, पटना साहिब में प्रकाशोत्सव को लेकर यहां भी तैयारियों पूरी कर ली गई है। गुरुपर्व को लेकर हांडी साहिब गुरुद्वारा को भी आकर्षक ढंग से सजाया गया है। पटना साहिब (पटना सिटी) से दानापुर हांडी साहिब गुरुद्वारा के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए गंगा नदी में स्टीमर चलाने की व्यवस्था की गई है। यहां भी बुधवार से पांच जनवरी तक लगातार लंगर चलाने की व्यवस्था की गई है।

प्रकाश पर्व में आने वाले श्रद्धालुओं के रहने की भी मुकम्मल व्यवस्था की गई है। उल्लेखनीय है कि पटना में प्रकाश उत्सव को लेकर तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। पटना के सभी गुरुद्वारों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है।

प्रकाश उत्सव का मुख्य आयोजन पांच जनवरी को होना है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भाग लेंगे। इस दिन गांधी मैदान में मुख्य दीवान सजेगा। तीन जनवरी मार्शल आर्ट, गतका पार्टी अपना जौहर दिखाएंगे जबकि चार जनवरी को गांधी मैदान से भव्य नगर कीर्तन निकलेगा।

 

 

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