National

पुरानी संसद में पीएम मोदी का आखिरी भाषण, बोले- पूर्व सदस्यों के लिए सदन का सेंट्रल हॉल मंदिर जैसा

नई दिल्ली| पीएम मोदी ने आज संसद के विशेष सत्र में सांसदों को संबोधित किया. दरअसल ये विशेष सत्र पुरानी संसद भवन की यादों से जुड़ा सत्र माना जा रहा है. इस सत्र के दौरान माननीय सांसद अपने अनुभवों को साझा कर रहे हैं. इसके बाद 19 सितंबर से नए संसद भवन में सत्र का आयोजन होगा. यानी सोमवार का दिन पुरानी संसद में लगे सत्र का अंतिम दिन रहा.

पीएम मोदी ने बताया कि इस संसद में उन्होंने भी कई वर्ष बिताए हैं. कई बार भावुक पल आए तो कई बार खुशी और कई बार नाराजगी का वक्त भी आया. इस दौरान उन्होंने चंद्रयान-3 और जी-20 की कामयाबी को लेकर भी अहम बातें कहीं. आइए जानते हैं पीएम मोदी के संसद में दिए भाषण की 10 अहम बातें.

संसद के पुराने दिनों को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यहां तीन प्रधानमंत्री अपने कार्यकाल में ही चले गए. उन्हें खोते वक्त इस संसद में आंसू भी बहे. पीएम मोदी सभी लोकसभा स्पीकर्स का भी अभिनंदन किया जिनकी बदौलत संसद के सत्र सुचारू रूप से चलते रहे.

पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद विद्वानों ने संभावना व्यक्त की थी कि देश का क्या होगा. लेकिन भारत ने उन लोगों की शंकाओं का दूर कर दिया और संसद ने दुनिया के सामने कई महत्वपूर्ण मिसालें पेश कीं.

पीएम ने कहा कि 75 वर्षों में सबसे बड़ी उपलब्धि सामान्य लोगों का संसद के प्रति अटूट विश्वास रहा है. सदन की ताकत से ही देश ने विकास का मार्ग प्रशस्त किया है. इन 75 वर्षों में पंड़ित नेहरू से लेकर जितने भी नेता हुआ उनके गौरवगान का मौका हमें मिला है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा चंद्रयान-3 की सफलता से पूरा देश अभिभूत है. यह भारत के सामर्थ्य और 140 करोड़ देशवासियों की संकल्प शक्ति से जुड़ा है. चंद्रयान-3 की कामयाबी ने पूरी दुनिया को भारत का संदेश दिया है. अंतरिक्ष के क्षेत्र में हम किस गति से आगे बढ़ रहे हैं. अमृतकाल में हम एक नए प्रकाश की ओर आगे बढ़ रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र में एक नया आत्मविश्वास और नई उमंग के साथ नए सपने संजोए जा रहे हैं. पूरा देश इन सपनों को भर रहा है.

जी-20 के सफल आयोजन को लेकर भी पीएम मोदी ने अपने भाषण में अहम बात कही. उन्होंने कहा भारत इस बात के लिए गर्व करेगा कि जब हम जी-20 के अध्यक्ष रहे, तब अफ्रीकन यूनियन इसका सदस्य बना. जी-20 की अध्यक्षता ने ना सिर्फ एशिया महाद्वी बल्कि यूरोप से लेकर अन्य महाद्वीपों में भारत की मजबूती का लोहा माना गया है.

इस दौरान पीएम मोदी संसद पर हमले को भी याद किया. उन्होंने कहा कि सदन पर आतंकी हमला सिर्फ लोकतंत्र पर ही नहीं, बल्कि हमारी आत्मा पर भी अटैक था. सदन को बचाने के लिए जिन्होंने अपने सीने पर गोलियां झेलीं, ‘मैं उन सभी शहीदों को नमन करता हूं.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, भारतीय लोकतंत्र के तमाम उतार-चढ़ाव देखने वाला हमारा यह सदन जनविश्वास का केंद्र बिंदु रहा है. इस दौरान पीएम ने सदन में महिला सांसदों की मौजूदगी को भी इंगित किया. उन्होंने महिला सांसदों का भी इस सदन में अहम योगदान रहा है और आगे भी रहेगा.

पीएम मोदी ने संसद के खास सत्र के दौरान अपने भाषण में पत्रकारों पर भी बात कही. संसद की कार्यवाही को लोगों तक पहुंचाने में पत्रकारों का भी अहम योगदान रहा है. जिन पत्रकारों ने संसद को कवर किया है शायद उनके नाम को नहीं जानते हों, लेकिन उन सभी पत्रकारों को भूला नहीं जा सकता.

पीएम ने कहा भारत अब विश्वमित्र के रूप में भी उभर रहा है. दुनिया में भारत की नई पहचान भी बनी है. ये ना सिर्फ विकास की नई इबार लिख रहा है बल्कि कई देशों की मदद भी कर रहा है. भारत की दोस्ती का दुनिया अनुभव भी कर रही है

पीएम मोदी ने कहा कि पूर्व सदस्यों के लिए सदन का सेंट्रल हॉल मंदिर जैसा है। पुराने सदस्य सदन के सेंट्रल हॉल में जरूर आते। पूरे सामर्थ्य के साथ देश आगे बढ़ते रहा। भले ही काले बादल होंगे, लेकिन हम आगे बढ़ते रहेंगे इस विश्वास के साथ। इसी भवन में 2 साल 11 महीने तक संविधान सभा की बैठकें हुई और संविधान बना। जो हमारा आज भी मार्ग दर्शन कर रहा है जो आज भी हमें चलाता है। हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत इस व्यवस्था के प्रति लोगों का अटूट विश्वास है और य आगे भी बनी रहेगी।

उन्होंने कहा कि पहली बार संसद सदस्य बनने पर मैं संसद भवन के दरवाजे पर अपना माथा झुकाकर लोकतंत्र के इस मंदिर में श्रद्धा भाव से कदम रखा था। भारत के लोकतंत्र की हीं ये ताकत है कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला एक गरीब बच्चा संसद तक पहुंच पाया। मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि देश मुझे इतना आशीर्वाद और प्यार देगा।

=>
=>
loading...
BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH