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योगी सरकार की पहल, विद्यालयों में एकरूपता के लिए प्रशिक्षित किए गए प्रभारी प्रधानाचार्य व वरिष्ठ प्रवक्ता

लखनऊ। योगी सरकार विद्यालयों में एकरूपता लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी के तहत समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों को सुदृढ़ करने पर विशेष बल दिया जा रहा है। इसी क्रम में मोहान रोड स्थित जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय में शुक्रवार से पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हो गई। इसमें 94 सर्वोदय विद्यालयों से प्रत्येक विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्यों व वरिष्ठ प्रवक्ताओं को सम्मलित कर कुल 188 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

10 जनवरी तक 3 बैच में चलेगा प्रशिक्षण कार्यक्रम

यह कार्यक्रम तीन बैच में 5 जनवरी से 10 जनवरी तक चलेगा। प्रत्येक बैच में शामिल प्रभारी प्रधानाचार्यों व वरिष्ठ प्रवक्ताओं को दो-दो दिन प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले बैच के प्रशिक्षण कार्यक्रम में शुक्रवार को 32 सर्वोदय विद्यालय के 64 प्रभारी प्रधानाचार्य व वरिष्ठ प्रवक्ता शामिल हुए, जिन्हें विद्यालयों में एकरूपता लाने, गुणवत्तापरक शिक्षा के केंद्र के रूप में विकसित करने का प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान उत्तराखंड के देहरादून स्थित एकलव्य मॉडल रेसीडेंशियल स्कूल कलसी की प्रधानाचार्य सुधा पैनोली ने आवासीय विद्यालय: अवधारणा, संस्कृति एवं सारिणी विषय पर प्रशिक्षित किया। इनके अलावा जवाहर नवोदय विद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य एस राम ने हाउस प्रणाली एवं भोजन प्रबंधन एवं छात्राओं की सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी दी। उत्तराखंड के देहरादून स्थित एकलव्य मॉडल रेसीडेंशियल स्कूल कलसी के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. जी सी बडौनी ने शैक्षणिक उन्नयन एवं पर्यवेक्षण व उपचारात्मक शिक्षण और केंद्रीय विद्यालय की पूर्व प्रधानाचार्य सावित्री देवी ने शत प्रतिशत परिणाम बनाए रखने हेतु रणनीति पर चर्चा की।

7 और 8 जनवरी को दूसरे बैच में मिलेगा प्रशिक्षण

वहीं दूसरे बैच का प्रशिक्षण कार्यक्रम 7 और 8 जनवरी को होगा, जिसमें 32 सर्वोदय विद्यालय के 64 प्रभारी प्रधानाचार्य व वरिष्ठ प्रवक्ता शामिल होंगे। तीसरे चरण के प्रशिक्षण कार्यक्रम में 30 सर्वोदय विद्यालय के 60 प्रभारी प्रधानाचार्य व वरिष्ठ प्रवक्ता शामिल होंगे। कार्यक्रम के पहले दिन असीम अरुण, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) समाज कल्याण विभाग ने कहा कि कार्यक्रम के माध्यम से मजबूत पठन-पाठन प्रक्रिया निर्धारित करना है, जिससे अध्यापन कार्यों की गुणवत्ता में और वृद्धि हो सके।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH