नई दिल्ली। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से एक दिन पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान सामने आया है। मोहन भागवत ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से ठीक पहले जनता से खास अपील की है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि ये वक्त कड़वाहट को मिटाने का है। 22 जनवरी का दिन विवाद और संघर्ष को खत्म करने का है। उन्होंने लोगों से भी आह्वान किया कि इस दिन को देश के विकास और हिंदू धर्म के लिए यादगार बनाए। नेशन बिल्डिंग में इस दिन का खास महत्व है।
मोहन भागवत ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर एक लेख में अपने विचार रखे हैं। उन्होंने कहा- पक्ष और विपक्ष के बीच जो भी विवाद है, ये वक्त उस विवाद को, कड़वाहट को मिटाने का है। अब समय आ गया है कि दोनों पक्षों में मनमुटाव खत्म होना चाहिए। इसमें समाज के प्रबुद्धजनों को भी अहम भूमिका निभाना होगी, उन्हें देखना होगा कि दोनों पक्षों के बीच विवाद पूरी तरह खत्म हो जाए।
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि, अयोध्या और राम मंदिर को ऐसा बनाना है जहां ना तो कोई संघर्ष हो और ना ही कोई युद्ध। ये नगर युद्ध मुक्त और विवाद मुक्त होना चाहिए। भागवत ने कहा कि भारत का इतिहास डेढ़ हजार वर्षों से आक्रांताओं से संघर्ष में गुजरा है। पहले सिकंदर तो फिर इस्लाम के नाम पर पश्चिम से हुए आक्रमणों ने समाज का विनाश किया. साथ ही अलगाव भी बढ़ाया। धार्मिक स्थलों को नष्ट किया गया और भारत में लगातार मंदिरों को तोड़ने या नष्ट करने के काम किए गए।
भागवत ने कहा कि भारतीय शासकों ने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया। लेकिन विश्व के कई शासकों ने अपने राज्य के विस्तार के नाम पर भारत में हमले किए हालांकि भारत के वीर सपूतों ने इन लोगों को मुंहतोड़ जवाब भी दिए।