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3 साल में 5,00,000 युवाओं को जोड़ेंगे रिलायंस फाउंडेशन और कौशल विकास, मिलेगा रोजगार

रिलायंस फ़ाउंडेशन और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने एक साथ आते हुए देश के 5 लाख युवाओं को नए कौशल सिखाने की घोषणा की है। इन युवाओं को आने वाले तीन सालों में आज के दौर में काम आने वाले स्किल्स (फ्यूचर-रेडी स्किल्स) अलग अलग कोर्सेज के माध्यम से सिखाए जाएंगे। इस साझेदारी में कोर्स डेवलपमेंट और युवाओं की क्षमता निर्माण के साथ एडटेक, साइबर सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, पर्यावरण सस्टेनेबिलिटी, पॉलिसी एनालसिस और कई अन्य सेक्टर्स पर ध्यान दिया जाएगा। रिलायंस फाउंडेशन के ‘डिजिटल-फॉरवर्ड एप्रोच’ के चलते ऐसे युवाओं के बीच लोकप्रियता हासिल होगी जो भविष्य में काम आने वाले नए करियर में रुचि रखते हैं।

इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा तथा कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री, श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि “भारत – कौशल, पुनःकौशल और कौशल उन्नयन के मंत्र को अपनाकर अब किसी से रुकने वाला नहीं है। स्किलिंग ईकोसिस्टम में विभिन्न डिजिटल सेवाओं के इस्तेमाल से ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर युवा को अपने कौशल के विकास के लिए सुविधाएँ कहीं भी और कभी भी उपलबद्ध हों। जिस तरह प्रौद्योगिकी, स्केल, सम्पोषणीयता, के साथ भारत विकसित राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा है, इससे भारतीय कार्यबल न केवल देश की मांग की पूर्ति करेगा बल्कि विश्व स्तर पर भी नए बेंचमार्क स्थापित करेगा।”

इस स्ट्रेटेजिक साझेदारी पर रिलायंस फाउंडेशन के सीईओ श्री जगन्नाथ कुमार, ने कहा कि “भारत में दुनिया की सबसे बड़ी युवा जनसंख्या है, और यह हमारा प्रयास है कि हम उन्हें ‘फ़्यूचर-रेडी’ स्किल्स के साथ तैयार करें। रिलायंस फाउंडेशन में हम मानते हैं कि यह साझेदारी उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने और उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने में एक अनोखी पहल है। एनएसडीसी के साथ यह साझेदारी, युवाओं के कौशल विकास में मदद करेगा, ताकि वे बदलती कार्य-प्रणालियों और अवसरों के साथ योजना बना सकें। रिलायंस फाउंडेशन और एनएसडीसी समान दृष्टिकोण और उद्देश्य के साथ युवा शक्ति को बढ़ावा देने के लिए साथ आगे आए हैं।”

इस प्रोग्राम के तहत स्टूडेंट्स के लिए उपयोगी और प्रभावी कोर्सेज तैयार किए जाएंगा। वहीं ऑनलाइन कोचिंग से लेकर सर्टीफिकेशन, इंडस्ट्री के साथ मिलकर प्लेसमेंट्स आदि प्रदान कर युवाओं को भविष्य के लिए तैयार किया जाएगा।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH