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बिहार में मकर संक्रांति के मौके पर श्रद्धालुओं ने सरोवरों में लगाई डुबकी

बिहार में मकर संक्रांति, गंगा स्नान के बाद दान-पुण्य, 'खरमास' समाप्त, चूड़ा-दही और तिलकुट खाने की परंपराmakar sankranti in bihar
बिहार में मकर संक्रांति, गंगा स्नान के बाद दान-पुण्य, 'खरमास' समाप्त, चूड़ा-दही और तिलकुट खाने की परंपरा
makar sankranti in bihar

पटना| राजधानी पटना सहित बिहार के कई क्षेत्रों में शनिवार को मकर संक्रांति के मौके पर गंगा सहित कई नदियों,जलाशयों में हजारों लोगों ने डुबकी लगाई। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद दान-पुण्य किया।

पटना में गंगा स्नान के लिए लोग शुक्रवार शाम से ही जुटने लगे थे। शनिवार सुबह पटना में न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री सेल्सियस रहने के बावजूद लोगों ने गंगा के विभिन्न घाटों पर पहुंचकर स्नान किया। ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा में स्नान करने और गंगा तट पर तिल का दान करने से सारे पाप कट जाते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

विद्वानों के मुताबिक, इसी दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में जाते हैं और दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाते हैं। पंडितों का कहना है कि सूर्य के धनु से मकर राशि में जाने से ‘खरमास’ भी समाप्त हो जाता है और शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं।

शास्त्री महादेव पंडित के मुताबिक, “जो लोग मकर संक्रांति की सुबह गंगा स्नान के बाद भगवान भास्कर को तिल का भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण करते हैं, उन पर भास्कर की कृपा बनी रहती है।”

मकर संक्रांति के दिन चूड़ा-दही और तिलकुट खाने की भी परंपरा है। इस दिन तिल खाने और तिल दान में देने को भी शुभ माना जाता है।

मकर संक्रांति के मौके पर बक्सर, वैशाली, भागलपुर, मुजफ्फरपुर सहित कई क्षेत्रों में भी लोगों ने नदियों व जलाशयों में डुबकी लगाई। लोग मंदिरों में भी पहुंचकर पूजा अर्चना कर रहे हैं और दान-पुण्य कर रहे हैं। इस कारण मंदिरों की भारी भीड़ देखी जा रही है।

इस मौके पर गंगा घाटों और जलाशयों के पास सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। पटना के जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि दियारा क्षेत्रों में अतिरिक्त दंडाधिकारियों और पुलिस बलों की तैनाती की गई है।

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