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तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के समर्थन में प्रदर्शन जारी

जल्लीकट्टू के समर्थन, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, चार रेलगाड़ियों का परिचालन रद्दdemonstration in favour of Jallikattu
जल्लीकट्टू के समर्थन, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, चार रेलगाड़ियों का परिचालन रद्द
demonstration in favour of Jallikattu

चेन्नई| तमिलनाडु में बैल को काबू करने के प्राचीन और लोकप्रिय खेल जल्लीकट्टू के समर्थन में शुक्रवार को भी प्रदर्शन जारी हैं। इसे शुक्रवार को और बल मिला, जब व्यापारियों ने जल्लीकट्टू के समर्थन में अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रखने और टैक्सी, ऑटो-रिक्शा और ट्रक संचालकों ने सड़कों पर अपनी सेवा नहीं देने का ऐलान किया।

राज्य में विपक्षी दल द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने जल्लीकट्टू के समर्थन में रेल की पटरियों पर प्रदर्शन की घोषणा की, जिसके बाद दक्षिण रेलवे ने चार रेलगाड़ियों का परिचालन रद्द कर दिया है, जबकि कुछ अन्य रेलगाड़ियों के परिचालन में तब्दीली की है।

राज्य सरकार के कर्मचारियों ने जल्लीकट्टू के समर्थन में जुलूस निकालने का फैसला किया है, जबकि केंद्र सरकार व सार्वजनिक क्षेत्र के कार्यालय में कामकाज हो रहा है।

बैंक संघों ने भी जल्लीकट्टू के लिए प्रदर्शन कर रहे लोगों को अपना समर्थन दिया है। फिल्म उद्योग ने शूटिंग रद्द कर दी है, जबकि सिनेमाहॉल शुक्रवार को बंद हैं। कुछ जिलों में स्कूलों को भी बंद रखा गया है। चेन्नई में मरीना बीच पर गुरुवार को भी पूरी रात प्रदर्शनकारियों का जमावड़ा रहा।

मरीना बीच पर बुधवार को एकत्र हुए हजारों युवकों और युवतियों ने न केवल जल्लीकट्टू से प्रतिबंध हटाने की मांग की है, बल्कि उन्होंने पशु अधिकार संगठन पीपुल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की है।

उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने मई 2014 में जल्लीकट्टू के आयोजन पर रोक लगा दी थी। इसके बाद से ही लोग केंद्र सरकार से जल्लीकट्टू के आयोजन की अनुमति के लिए जरूरी कानूनी कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय ने जल्लीकट्टू पर रोक लगाकर तमिल संस्कृति का अपमान किया है।

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