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वित्त वर्ष 2015-16 में कुल राजस्व में 17 फीसदी की वृद्धि : जेटली

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नई दिल्ली | केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली बुधवार को वित्त वर्ष 2017-18 का आम बजट पेश कर रहे हैं। इसके प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं : – वित्त वर्ष 2015-16 में कुल राजस्व में 17 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।

– कर दरों को न्यायसंगत रखने के प्रति कटिबद्धता व्यक्त की और कहा कि हमारा कर प्रशासन बेहद निष्पक्ष है और देश में कर आधार को बढ़ा रहा है।

– प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत वित्त वर्ष 2017-18 के लिए ऋण प्रदान करने का लक्ष्य दोगुना कर 2.44 लाख करोड़ रुपये किया गया है।

– वित्त वर्ष 2017-18 तक देश में रेल मार्गो की लंबाई बढ़ाकर 3,500 किलोमीटर किया जाएगा, जो 2016-17 में 2,800 किलोमीटर है।

– वित्त वर्ष 2017-18 के लिए रेलवे का बजट 1,31,000 करोड़ रुपये है, जिसमें से सरकार 55,000 करोड़ रुपये मुहैया कराएगी।

– मनरेगा के लिए योजना तैयार करने में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का व्यापक इस्तेमाल किया जाएगा।

– वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान सूखे से निपटने के लिए पांच लाख तालाबों का निर्माण किया जाएगा।

– दुकानदारों और छोटे कारोबारियों के लिए आधार आधारित ई-भुगतान सेवा ‘आधारपे’ सुविधा जल्द ही शुरू की जाएगी। यह भुगतान सेवा ऐसे लोगों के लिए उपयोगी होगी, जिनके पास डेबिट कार्ड या मोबाइल फोन नहीं है।

– स्वच्छता अभियान के तहत ग्रामीण भारत के 60 फीसदी हिस्से को कवर किया जाएगा।

– 2019 तक रेलवे के सभी यात्री डिब्बों में जैव-शौचालय लगा दिए जाएंगे।

– बेघरों और कच्चे मकानों में रहने वाले देशवासियों के लिए 2019 तक एक करोड़ घर बनाए जाएंगे।

– प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 19,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। राज्यों के सहयोग से इस योजना पर कुल 27,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

– ग्रामीण, कृषि और कृषि से संबद्ध सेक्टरों के लिए इस बार रिकॉर्ड 1,87,223 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जो पिछले वित्त वर्ष से 24 प्रतिशत ज्यादा है।

– फसल बीमा योजना का दायरा मौजूदा फसली क्षेत्र के 30 फीसदी से बढ़ाकर 2017-18 में 40 फीसदी और 2018-19 में 50 फीसदी किया जाएगा।

– कृषि विज्ञान केंद्रों में मिट्टी की जांच के लिए छोटी-छोटी प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी, ताकि देश का संपूर्ण फसली क्षेत्र कवर किया जा सके।

– मनरेगा के लिए अब तक का सर्वाधिक 48,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।

– नोटबंदी का असर अगले वर्ष तक नहीं रहने की उम्मीद।

– वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), नोटबंदी, जनधन-आधार-मोबाइल (जेएएम) का लोगों के जीवन पर प्रभावशाली असर होगा।

– नोटबंदी का उद्देश्य देश की जीडीपी को बढ़ाना है।

– महात्मा गांधी के वक्तव्य ‘सही दिशा में उठाया गया कदम कभी विफल नहीं होता’, को याद किया।

– मौजूदा वैश्विक परिदृश्य में तीन प्रमुख चुनौतियां : अमेरिकी फेडरल रिजर्व का मौद्रिक रुख, कमोडिटीज विशेष रूप से कच्चे तेल की कीमत और वैश्वीकरण के खिलाफ दुनियाभर में उभरता जनमत।

– हम स्वविवेक से निर्देशित प्रशासन से नीति आधारित प्रशासन की ओर बढ़ चुके हैं।

– हमारी सरकार अपार जनआकांक्षाओं के बीच चुनी गई।

– जीएसटी सहित सभी मुद्दों का समाधान बातचीत के जरिये किए जाने की उम्मीद।

– हम अनौपचारिक से औपचारिक अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं और सरकार पर जनता के धन के संरक्षक के तौर पर भरोसा बढ़ा है।

 

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Raj Bisht
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