इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट भारत के न्याय विश्व का तीर्थ क्षेत्र है और उस तीर्थ क्षेत्र के महत्तवपूर्ण पड़ाव पर आकर अपनी बात कहने और आपकी बात सुनने का जो मौका मिला उससे मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। इलाहाबाद हाईकोर्ट 150वीं वर्षगांठ के समापन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उक्त बातें कहीं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी जब चीफ जस्टिस जो कह रहे थे उसे मैं हृदय से सुन रहा था. उनकी पीड़ा उनके संबोधन में झलक रही थी. कानून लगातार बदलता रहता है। सीजेआई के शब्दों में कुछ करने के संकल्प की पीड़ा थी। मैं विश्वास दिलाता हूं कि सरकार उनके इस संकल्प के साथ है।
प्रधानमंत्री ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के शताब्दी समारोह में डा. राधाकृष्णन के वक्तव्य का उल्लेख करते हुए कहा कि कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए। कानून का लक्ष्य सबका कल्याण होना चाहिए। कानून सिर्फ अमीरों के कल्याण के लिए नहीं होना चाहिए। आजादी के आंदोलन में सबकी भूमिका जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस आंदोलन में वकीलों की बहुत बड़ी भूमिका थी।
कार्यक्रम के मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जेएस खेहर, राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसार, इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, यूपी के विधि मंत्री बृजेश पाठक सहित तमाम गणमान्य लोग मौजूद थे।
द्वीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। पीएम मोदी ने समारोह का आगाज किया और फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच पर मौजूद सभी दिग्गजों को धन्यवाद देते न्यूजलेटर का विमोचन भी किया।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी ने एयरपोर्ट पर गुलदस्ता देकर पीएम नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। समारोह में भागीदारी करने के लिए देश के प्रधान न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर सहित कई प्रदेशों के उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश शनिवार रात को ही इलाहाबाद पहुंच गए थे।