Uttar Pradeshलखनऊ

छोटे उद्योगों को सरंक्षित करने की जरूरत : दिनेश शर्मा

लखनऊ उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में छोटे उद्योगों का अहम योगदान है। सबसे ज्यादा रोजगार लघु उद्योग क्षेत्र में है। ऐसी स्थिति में लघु उद्योगों को संरक्षित करना समय की मांग है, क्योंकि बड़े उद्योगों की तुलना में छोटे एवं कुटीर उद्योगों में रोजगार के अवसर अधिक हैं।

छोटे उद्योगों को संरक्षित करके ही जापान दुनिया में आर्थिक महाशक्ति बना हुआ है। लखनऊ विश्वविद्यालय में डिपार्टमेंट ऑफ एप्लायड इकोनामिक्स द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का उद्घाटन करते हुए उन्होंने यह बात कही। ‘इमर्जिग इंडिया एंड सेकेंड जेनरेशन रिफार्म्स: इनिशिएटिव एंड इंपलीकेशंस’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा, “विश्व में जब आर्थिक मंदी का दौर था, उस समय भी भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर रही, क्योंकि यहां के लोगों में बचत की प्रवृत्ति एवं अपने पर निर्भर रहने की प्रवृत्ति ज्यादा रही।

अंग्रेज यह जानते थे कि जब तक भारत में छोटे-छोटे उद्योग रहेंगे, भारत को गुलाम बनाना आसान नहीं है, इसलिए उन्होंने सबसे ज्यादा क्षति छोटे उद्योगों को पहुंचाई।” उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार छोटे एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देकर आसान एवं कम ब्याज दर पर उद्यमियों एवं व्यापारियों को ऋण उपलब्ध करा रही है। इसके सकारात्मक परिणाम भी दिख रहे है।

उन्होंने कहा, “नोटबंदी का सबसे अच्छा परिणाम यह रहा कि बैकों में ज्यादा धन जमा हो गया और बैंकों की ऋण देय क्षमता बढ़ी। आर्थिक सुधारों एवं पूंजी निवेश का दौर है। प्रदेश सरकार पूंजी निवेश के लिए कृत संकल्प है। इसीलिए नई उद्योग नीति लाने पर कार्य प्रारंभ कर दिया है, जिसका मुख्य उद्देश्य यह है कि उद्यमी को एकल मेज व्यवस्था के तहत सभी तरह की स्वीकृतियां एवं क्लीयरेंस यथा बिजली कनेक्शन, पर्यावरण स्वीकृति, जमीन खरीद आदि का निस्तारण एक स्थान पर समयबद्ध ढंग से हो जाए, जिससे उद्यमी पूंजी निवेश के लिए आकर्षित हो सके।”

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री कलराज मिश्रा ने अभिनव और अविष्कार के महत्व के बारे में बात की जो कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारत का नेतृत्व करेगी। उन्होंने टेक्नोलॉजी पर भी जोर दिया, जो सस्ते और बेहतर गुणवत्ता वाले हैं।

=>
=>
loading...