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सम-विषम योजना की अवधि न बढ़े : सर्वेक्षण

odd-even-trial_650x400_41452074123नई दिल्ली | राष्ट्रीय राजधानी में सम-विषम योजना को लेकर जारी बहस के बीच इस योजना के क्रियान्वयन के प्रथम 10 दिनों के दौरान लोगों के अनुभव और प्रतिक्रियाएं जानने के लिए कराए गए एक सर्वे में अधिकांश लोगों ने कहा है कि योजना का क्रियान्वन अच्छी तरह हुआ है, लेकिन काफी लोगों ने महसूस किया कि ऑटो और टैक्सियों ने इस योजना का लाभ उठा कर उन्हें लूटा है। योजना जारी रहे या नहीं, इस पर ज्यादातर लोगों ने नकारात्मक जवाब दिया है।

10 लाख से भी अधिक लोगों से जुड़े होने का दावा करने वाले एक मंच ‘लोकल सर्कल्स’ द्वारा योजना के प्रथम 10 दिनों के अनुभवों को लेकर किए गए एक सर्वेक्षण में बड़ी संख्या में लोगों ने कहा कि उन्होंने इस दौरान सार्वजनिक परिवहन या अपनी दूसरी कार का इस्तेमाल किया, जबकि केवल आठ प्रतिशत ने ही कार पूलिंग की और नौ प्रतिशत ने बाइक इस्तेमाल किया।

सर्वेक्षण के मुख्य रणनीति अधिकारी यतीश राजावत के मुताबिक, “सर्वेक्षण के परिणामों से साबित हुआ है कि सरकार योजना लागू करने के मामले में लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरी, जबकि प्रदूषण कम हुआ या नहीं यह अभी स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता।”योजना को 15 जनवरी से आगे बढ़ाने के सवाल पर 12,918 लोगों में से 50 फीसदी से भी अधिक लोगों ने इसके लिए इंकार किया है। योजना जारी रखने की स्थिति में एक और कार खरीदने या न खरीदने का इरादा रखने वालों की संख्या बराबर पाई गई।

सर्वेक्षण में 11,831 लोगों में से केवल आठ प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने कार पूलिंग की, जबकि सर्वाधिक (44 प्रतिशत) लोगों ने सार्वजनिक परिवहन का और नौ प्रतिशत ने बाइक का प्रयोग किया। 39 प्रतिशत लोगों के पास सम, विषम दोनों दिनों के लिए कारें थीं। योजना शुरू होने से पूर्व किए गए एक अन्य सर्वेक्षण में केवल 31 प्रतिशत लोग ही योजना के प्रति सकारात्मक दिखाई दिए, जबकि 10 दिनों की अवधि पूरी होने पर इनकी संख्या बढ़कर 58 प्रतिशत हो गई।

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