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भारत-यूएस असैन्य परमाणु समझौते के क्रियान्वय में होगा विलंब

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, एम.के.नारायणन, खुफिया ब्यूरो, आईबी, असैन्य परमाणुm-k-narayanan

कोलकाता | भारत के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम.के.नारायणन ने सोमवार को यहां कहा कि भारत-अमेरिका के बीच असैन्य परमाणु समझौते का क्रियान्वयन ‘निश्चित तौर पर’ जून 2017 की समय सीमा में नहीं हो पाएगा।

 

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, एम.के.नारायणन, खुफिया ब्यूरो, आईबी, असैन्य परमाणु
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नारायणन ने हालांकि आशा जताई कि चीजें रास्ते पर आ रही हैं, खासकर भारत अपनी यूरेनियम आपूर्ति को बढ़ा रहा है। समझौते की समय सीमा के बारे में हालिया अटकलों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में नारायणन ने यहां कहा, “समय सीमा के भीतर समझौते का क्रियान्वयन निश्चित तौर पर नहीं हो पाएगा।”

विलंब को लेकर महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल ने कहा, “बीमा पैकेज से संबंधित दो बड़े मुद्दे हैं और काफी विचार-विमर्श होना है और फुकुशिमा में जो हुआ, उसने यह चिंता बढ़ा दी है कि बड़े व्यापक परमाणु हादसे का क्या प्रभाव पड़ेगा।”

उन्होंने कहा, “इसलिए, मुझे लगता है कि काफी समय (साल 2010 से 2013 से 2014 तक) लिया गया, जो समय सीमा के भीतर समझौते के क्रियान्वित न होने का एक प्रमुख कारण है।”

अमेरिका-भारत ने एक संयुक्त बयान में कहा कि अमेरिकी निर्यात-आयात बैंक परियोजना के लिए एक वित्तीय पैकेज को पूरा करने में लगा है और न्यूक्लियर पॉवर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया तथा तोशिबा कॉर्प्स वेस्टिंगहाउस इलेक्ट्रीक ने पुष्टि की है कि इंजीनियरिंग तथा साइट डिजाइन का काम तत्काल शुरू होगा। वेस्टिंगहाउस इलेक्ट्री के सामने वित्तीय समस्या आने से समझौते के क्रियान्वयन को और आगे बढ़ाया गया।

नारायणन ने कहा, “वेस्टिंगहाउस कंपनी को हुई परेशानी से निश्चित तौर पर समस्या हुई, परिणाम स्वरूप मैं कहूंगा कि एक स्तर पर (हमारे तरफ से प्रदर्शन की कमी के कारण नहीं) अन्य कारकों के कारण परियोजना में विलंब हुआ। उम्मीद है, चीजें जल्द ही सही हो जाएंगी।”

खुफिया ब्यूरो (आईबी) के पूर्व प्रमुख ने यह भी कहा कि भारत ने अपने यूरेनियम भंडार को मजबूत किया है। उन्होंने कहा, “अगर हमारे पास यूरेनियम का पर्याप्त भंडार नहीं होता, तो एक महत्वपूर्ण कमी सामने आती। ऐसा यूरेनियम की आपूर्ति में कमी की वजह से होता।

लेकिन ऑस्ट्रेलिया तथा कनाडा ने भारत को यूरेनियम आपूर्ति करने के लिए सहमति जता दी है, इसलिए हमें उम्मीद है कि हमारे आपूर्तिकर्ता आशान्वित हैं।”

पूर्व अधिकारी ने कहा, “हालांकि आपको प्रशासनिक तथा संबंधित मुद्दों का समाधान कर लेना चाहिए ,क्योंकि ऐसा न होने पर विलंब होगा, लेकिन मैं आशान्वित हूं।” पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार द नेवतिया यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा सम्मेलन में बोल रहे थे।

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