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आयकर आयुक्त, एस्सार के प्रबंध निदेशक सहित 6 गिरफ्तार

मुंबई| केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रिश्वतखोरी के एक मामले में बुधवार को एक आयकर आयुक्त, एस्सार समूह के एक शीर्ष अधिकारी तथा चार अन्य को गिरफ्तार किया और 1.50 करोड़ रुपये की रकम बरामद की। अधिकारियों ने यहां यह जानकारी दी। एस्सार समूह ने बाद में कहा कि उसके अधिकारियों पर लगे कदाचार के किसी भी आरोप को वह सिरे से खारिज करता है और वह अपने अधिकारियों के साथ खड़ा है।

सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों में आयकर अधिकारी बी. बी. राजेंद्र 1992 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी हैं और वर्तमान में मुंबई में आयकर आयुक्त (अपील्स-30) हैं। इसके अलावा, एस्सार ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रबंध निदेशक प्रदीप मित्तल तथा उसी कंपनी में लेखा अधिकारी विपिन बाजपेयी को भी गिरफ्तार किया गया है। कंपनी का मुख्यालय मुंबई में है।

मामले में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट श्रेयस पारिख, एक रियल्टर सुरेश कुमार जैन तथा उनके रिश्तेदार मनीष जैन को भी गिरफ्तार किया गया है। एक अधिकारी ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद उन्हें सीबीआई की एक विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया, जहां से प्रसाद को पांच दिनों की सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया। उन्हें जल्द ही उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर विशाखापट्टनम में ले जाया जाएगा। अन्य आरोपियों के बारे में जानकारियों का इंतजार है।

एस्सार समूह ने एक बयान में स्वीकार किया कि ‘सीबीआई ने आयकर असस्मेंट आर्डर के सिलसिले में हमारे दो अधिकारियों के कार्यालयों के रिकॉर्ड की नियमित जांच की है।’ सीबीआई ने कहा कि प्रसाद ने हाल में अपील के एक मामले में एक आदेश पारित किया था, जिसका मकसद एस्सार समूह के एक निजी ट्रस्ट, बालाजी ट्रस्ट को फायदा पहुंचाना था।

आदेश पारित करने के बदले प्रसाद ने कथित तौर पर दो करोड़ रुपये रिश्वत की मांग करते हुए कहा था कि पैसे मनीष जैन के पास पहुंचने चाहिए, जो बाद में उसे विशाखापट्टनम के सुरेश कुमार जैन के हवाले कर देगा। आयकर आयुक्त छुट्टी लेकर विशाखापट्टनम पहुंचे और मांग की कि रकम का एक हिस्सा विशाखापट्टनम स्थित उनके घर पर पहुंचा दिया जाए।

खुफिया जानकारी के आधार पर सीबीआई ने जाल बिछाया और प्रसाद को सुरेश कुमार जैन से 19.34 लाख रुपये की रकम लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सीबीआई ने कहा कि उसने बाकी लगभग 1.50 करोड़ रुपये की रकम को सुरेश कुमार जैन से बरामद कर लिया।

उधर, एस्सार समूह ने दलील दी है कि एक प्रतिष्ठित लेखा कंपनी (एम/एस जी.के.चोकसी) के माध्यम से प्रासंगिक अधिकारियों के लिए कानूनी प्रतिवेदनों को तैयार किया गया, जिसके आधार पर नियमित तरीके से आदेश पारित किए गए। कंपनी ने कहा, “हमारे अधिकारी निर्दोष हैं और कंपनी उनके साथ खड़ी है। हमें विश्वास है कि जांच करने पर सीबीआई भी इसी निष्कर्ष पर पहुंचेगी।” साथ ही कंपनी ने यह भी कहा कि उसके अधिकारी जांच एजेंसी का सहयोग कर रहे हैं।

सीबीआई ने सभी आरोपियों के मुंबई तथा विशाखापट्टनम स्थित निवास तथा कार्यालयों पर छापेमारी की, जिसमें निवेश से संबंधित कई दस्तावेज, बैंक खातों के विवरण, तीन बैंक लॉकर तथा अन्य संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए।

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Dileep Kumar
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