श्रीनगर| केंद्रीय वित्त व रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कुलभूषण जाधव मामले में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले को कानून के शासन की जीत करार दिया और कहा कि पाकिस्तान में जाधव के खिलाफ सुनवाई न्याय का ‘मखौल’ है।
अंतर्राष्ट्रीय अदालत द्वारा पाकिस्तान को अंतिम फैसला आने तक कथित जासूस जाधव को फांसी न देने का आदेश दिया है। इस पर जेटली ने कहा, “पाकिस्तान में न्याय तंत्र के नाम पर इस तरह का मखौल बनाया जाता है..गोपनीय ढंग से अंजाम दिए गए न्याय के किसी भी रूप में न्याय की संभावना बेहद कम होती है।”
उन्होंने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय कानून के इतिहास में यह फैसला कानून के शासन की बड़ी जीत है।”
रक्षामंत्री ने कहा, “जो आदेश आया, वह उस तथ्य की महत्ता पर प्रकाश डालता है कि जब किसी व्यक्ति को कथित तौर पर आरोपी बनाया जाता है, तो उसके पास अपने बचाव का पूरा अधिकार होता है..जब तक प्रभावी बचाव का अधिकार नहीं दिया जाता, तब तक सुनवाई निष्पक्षता का भरोसा पैदा नहीं करती।”
उन्होंने कहा, “जबतक किसी व्यक्ति को उसके दूतावास से संपर्क नहीं करने दिया जाता, उसे अपनी पसंद का वकील नहीं मिल सकता..भारत के इस रुख की पुष्टि हुई है।”
उन्होंने कहा, “राजनयिक संपर्क प्रभावी बचाव के अधिकार का हिस्सा है।” जासूसी तथा पाकिस्तान के खिलाफ विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई है।